बेशर्म अखबारों पर करारी दोलत्‍ती, अर्जी प्रेस-कौंसिल में

बिटिया खबर

: कल बताया कि बच्‍चा मर गया, आज लिखा कि इलाज जारी है : लतखोर हैं यह अखबारवाले, इनका बायकाट करना जरूरी : अपनी गलती पर खेद-प्रकाश करने के बजाय हिन्‍दुस्‍तान और जागरण से संशोधित खबर छापी, अमर उजाला तो वह भी नहीं : अखबारों ने शालीनता की सारी सीमाएं ही ध्‍वस्‍त कीं : न तो खबर की सत्‍यता जांची, न तथ्‍य :

कुमार सौवीर

लखनऊ : दैनिक जागरण, हिन्‍दुस्‍तान और अमर उजाला की बेशर्म करतूतों पर भारतीय कौंसिल पर अर्जी लगायी जाएगी। मसला है खबर के नाम पर अराजकता और अफवाह फैलाने, लिखने के पहले न तो सत्‍यता जांचना और न ही मनमर्जी करते हुए पत्रकारिता के मूल्‍यों को क्षत-विक्षप्‍त करने की हरकतें। आम आदमी के पास न तो ऐसे अखबारों पर जवाब देने के लिए भागदौड़ करने का साहस तो होता नहीं, दूसरी बात यह कि इन अखबारों की न्‍यूज-सेंस वैल्‍यू के बजाय इनकी नॉनसेंस-वैल्‍यू का होना ही नहीं, बल्कि पुलिस और प्रशासन पर ऐसे अखबारों का असरदार दबाव होता है। ऐसे में आम आदमी ऐसे अखबारों से टक्‍कर लेने से बचने लगता है। लेकिन अब इन अखबारों की ऐसी बेहूदगी को माकूल जवाब देने का समय आ चुका है। इन अखबारों को अब भारतीय प्रेस परिषद में घसीट लेने का दायित्‍व निभाने का जिम्‍मा दोलत्‍ती डॉट कॉम करने जा रहा है।
आपको बता दें कि बीते 17 अक्‍तूबर-22 के अपने जौनपुर एडीशन में इन तीनों अखबारों में एक सड़क दुर्घटना में एक मासूम की मौत की खबर प्रकाशित कर दी थी। किसी गिरोह की तरह लगभग एक जैसी खबरें इन रिपोर्टरों ने लिखी।लिखा कि घटना के बाद घायल मासूम को अस्‍पताल ले जाते वक्‍त ही उसकी मौत हो गयी। लेकिन इनमें से किसी भी अखबार के ब्‍यूरोचीफ ने इस खबर की पुष्टि की जरूरत ही नहीं समझी। जबकि सच तो यह है कि वह मासूम जिन्‍दा है, और जिला अस्‍पताल में भर्ती है। इतना ही नहीं, इन पत्रकारों ने यह तक जांचने की जरूरत नहीं समझी कि घटना में घायल मासूम दरअसल एक बच्‍ची है, लेकिन सभी अखबरों ने उसे बेटा लिख डाला।
ज्ञातव्‍य है कि लखनऊ-वाराणसी मार्ग पर स्थित बदलापुर एक तहसील नगर है। यहां अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्‍दुस्‍तान अखबारों का आलीशान दफ्तर है। यहां हिन्‍दुस्‍तान के रिपोर्टर हैं महेंद्र दुबे, अमर उजाला के रिपोर्टर हैं अर्जुन शर्मा और दैनिक जागरण के सुनीत चतुर्वेदी। अखबार के दफ्तर के लिए न तो यह अखबार कोई किराया, बिजली या पानी का भुगतान करते हैं और न ही कोई अन्‍य व्‍यय वहन करते हैं। इतना ही नहीं, इन अखबारों ने यहां जो रिपोर्टर यहां तैनात किये हैं, उसके लिए न तो दैनिक जागरण, न अमर उजाला और न ही हिन्‍दुस्‍तान अखबार वेतन अथवा किसी अन्‍य व्‍यय के लिए एक धेला भी खर्च करता है। अब जाहिर है कि यह लोग सामाजिक सेवा में तो लिप्‍त हैं नहीं। इनके पास भी मकान हैं, सुविधाजनक रहन-सहन है और बैठने के लिए कुर्सी और वाहन भी है। ऐसी हालत में विज्ञापन और उगाही के लिए ही इन मूल धंधा होता है। सिपाही से लेकर दारोगा, लेखपाल, तहसीलदार और एसडीएम तक को तेल-मालिश करना उनका पेशा है।
ऐसी हालत में खबरों पर ध्‍यान दे पाना उनके लिए मुमकिन होता ही नहीं है। खबर की सत्‍यता जांचने की कोई जरूरत ही नहीं समझता। वैसे भी यह लोग किसी गिरोह की तरह अपना धंधा चलाते बताये जाते हैं। इसका खुलासा तो तब हुआ, जब 16 अक्‍तूबर-22 की दोपहर को प्रतापगढ़ के राहुल मौर्या अपनी पांच बेटी नित्‍या के साथ बदलापुर गये थे। अचानक एक बोलोरा से टक्‍कर हो जाने से वह बच्‍ची घायल हो गयी। स्‍थानीय पीएचसी ने बच्‍ची को जिला अस्‍पताल रेफर कर दिया। लेकिन इन तीनों अखबारों ने अपनी खबर में लिख डाला कि घायल बच्‍ची को जिला मुख्‍यालय जाते वक्‍त रास्‍ते में ही बच्‍ची ने दम तोड़ दिया। जबकि बच्‍ची नित्‍या के पिता राहुल मौर्या ने दोलत्‍ती डॉट कॉम से स्‍वीकार किया, कि बच्‍ची इस समय अस्‍पताल में भर्ती है।
दोलत्‍ती डॉट कॉम ने इन अखबारों और उनके गैर-जिम्‍मेदार पत्रकारों की करतूतों का खुलासा किया तो हंगामा मच गया। हड़बड़ाये हिन्‍दुस्‍तान और दैनिक जागरण ने 16 अक्‍तूबर वाली उपरोक्‍त घटना को संशोधित करते हुए 18 अक्‍तूबर-22 के जौनपुर वाले एडीशन में यह तो छाप दिया कि घायल बच्‍ची का इलाज चल रहा है। लेकिन 17 अक्‍तूबर वाली झूठी और भ्रामक खबर पर खेद-प्रकाश करने का दायित्‍व ही जानबूझ कर गायब कर दिया। इतना ही नहीं, अमर उजाला ने तो बेशर्मी की सारी सीमाएं ही रौंद डालीं। उसने न अपनी करतूत पर माफी मांगने वाला खेद-प्रकाश किया और न ही संशोधित खबर ही छापी। जबकि अपनी करतूतों पर इन अखबारों को बाकायदा माफी मांगनी चाहिए थी। आपको बता दें कि दैनिक जागरण आनंद स्‍वरूप चतुर्वेदी हैं, जबकि हिन्‍दुस्‍तान के प्रभारी हैं राजेंद्र प्रसाद सिंह। अमर उजाला तो खैर लिंगवर्द्धक यंत्र बेचने में माहिर माना ही जाता है।
लेकिन अपने पत्रकारीय दायित्‍वों का सम्‍मान करते हुए दोलत्‍ती डॉट कॉम ने इस पूरे मामले पर इन अखबारों की ऐसी आपराधिक हरकत पर हस्‍तक्षेप करने का फैसला किया है। तय किया गया है दोलत्‍ती की ओर से अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्‍दुस्‍तान अखबारों पर भारतीय प्रेस परिषद पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

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