: सरकार ने माना कि मामला धोखाधड़ी का, दस दिन में जवाब-तलब : जवाब संतोषजनक न मिला तो रामदेव जेल में होंगे : दवाओं में धोखाधड़ी करके दवाएं बेचने का कृत्य सीधे-सीधे धारा 420 का बनता है :
दोलत्ती संवाददाता
नई दिल्ली : यह विवाद अब बेकार हो गया है कि बाबा रामदेव की कम्पनी से बेची जा रही कोरोनिल का सेवन करने से कोरोना से फायदा होगा या नहीं। अब तो असल सवाल यह उठने लगा है कि बाबा रामदेव धोखाधड़ी के मामले में जेल कब जाएंगे। वजह यह कि इस कोरोनिल टैबलेट की बिक्री पर झूठे प्रचार ने रामदेव के लिए कोरोना से भी ज्यादा बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है।
अपनी इस विवादित दवाई कोरोनिल पर मचे हंगामे पर भारत सरकार ने भी उन्हें लपेटे में ले लिया है। जाहिर है कि इस बार रामदेव खासी कानूनी सांसत में फंसने जा रहे हैं।
ताजा खबर यह है कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने आखिरकार उन्हें नोटिस थमा ही दिया है। जवाब मांगा गया है कि आखिर किस आधार पर बाबा की कम्पनी ने अपनी कोरोनिल को कोरोना की दवा के तौर पर प्रचारित किया। भारत सरकार इस मामले को साफ-साफ धोखाधड़ी के तौर पर देख रही है। यानी दीगर धाराओं के साथ ही साथ सीधे-सीधे 420 सीआरपीसी।
लखनउ हाईकोर्ट के अवध बार एसोसियेशन के पूर्व महामंत्री आरडी शाही ने इस मामले में एक तगडा कमेंट किया है। शाही ने लिखा है कि सारा माल अकेले-अकेले डकार लेना ठीक बात नहीं बाबा जी।
प्रोसीजर फॉलो करिये । अधिकारी के भी बाल बच्चे हैं उसके भी पेट है ।बाकी जब कोई दवा नही है तो आप काहे उड़ती चिड़िया ले रहे हो वो भी बिना औपचारिकता (pocedure)का अनुपालन किये।