आरुषि केस: तलवार-दम्पत्ति की अर्जी सर्वोच्च कोर्ट से खारिज

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बार-बार लताड़ के बाद क्यों कोर्ट जा रहे राजेश-नुपूर

: सीबीआई के कई सवालों पर निरूत्तर हो चुके हैं तलवार-दम्पत्ति : क्यों जोर दिया जा रहा है कि 14 गवाहों का बयान पहले हो : हर बार मुंह की खाकर फिर पहुंच रहे हैं राजेश-नुपूर :

नई दिल्ली : लगता है कि आरुषि हत्याकांड में बुरी तरह घेरे में पहुंच चुके राजेश-नुपूर अब छटपटाने की हालत में पहुंचते जा रहे हैं। आज सुप्रीम कोर्ट से तलवार दंपति को झटका लगा है। कोर्ट ने तलवार दंपत्ति की 14 गवाहों के बयान पहले लेने की अर्जी खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मामले की सुनवाई गाजियाबाद कोर्ट में ही जारी रहेगी।

तलवार दंपति राजेश तलवार और नुपूर तलवार ने सुप्रीम कोर्ट में 14 गवाहों के बयान दर्ज करने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया। कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत में नुपूर का दिया बयान जारी रहेगा। गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट में राजेश तलवार का बयान दर्ज किया जा चुका है और अब नुपूर का बयान दर्ज हो रहा है। लेकिन तलवार दंपति का कहना था कि इस मामले में 14 गवाहों के बयान भी दर्ज किए जाएं।

16 मई 2008 को 14 साल आरूषि और उसके नौकर हेमराज की हत्या हो गई थी। पहले हत्या का आरोप उसके नौकर हेमराज पर लगा था लेकिन दूसरे ही दिन हेमराज की लाश भी तलवार के घर की छत से मिली थी। अभी तक की जांच के मुताबिक राजेश और नूपुर तलवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सारे गवाहों की गवाही को देखते हुए आरुषि और हेमराज की हत्या के पीछे दोनों ही जिम्मेदार ठहराए जा रहे हैं।

सीबीआई के आईओ ने गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट में आरुषि के कत्ल का जिम्मेदार राजेश और नुपुर तलवार यानी आरुषि के मां-बाप को ही ठहराया है। जांच अधिकारी के मुताबिक आरुषि की हत्या के दौरान फ्लैट के अंदर और बाहर कोई नहीं गया था, उस वक्त फ्लैट में चार लोग मौजूद थे जिनमें से 2 लोग जिंदा बच गए और 2 लोग मारे गए। राजेश और नुपूर पूछताछ में ये नहीं बता पाए कि आरुषि और हेमराज की मौत कैसे हुई।

पूरा प्रकरण पढ़ने के लिए कृपया क्लिक करें:- आरूषि हत्याकांड

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