पायल नहीं, यह आवाज हैं बैंकिंग प्रबंधन की

सक्सेस सांग

मजबूत कदमों से रास्ता नापा है महिलाओं ने

नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक में एमडी के पद तक पहुंच चुकीं अरूंधति भट्टाचार्य महिला सशक्तिकरण में एक मजबूत पायदान माना जा रहा है। बैंकिंग क्षेत्र में निचले पायदान पर जहां बड़ी संख्या में महिलाएं काम कर रही हैं, वहीं शीर्ष पदों पर महिलाओं की भागीदारी को उंगलियों पर गिना जा सकता है. करीब एक दशक पहले राष्ट्रीयकृत बैंक, इंडियन बैंक की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में एक महिला प्रबंधक रंजना कुमार को नियुक्त किया गया था. उन्होंने बैंक को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई थी.

इस वक्त तीन राष्ट्रीयकृत बैंकों में प्रमुख पद महिला प्रबंधकों के हाथों में हैं. ये हैं बैंक ऑफ इंडिया की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक विजयालक्ष्मी आर. अय्यर, युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की प्रमुख अर्चना भार्गव और इलाहाबाद बैंक की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शुभलक्ष्मी पानसे.

निजी क्षेत्र में अभी चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, जबकि शिखा शर्मा एक्सिस बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं. इसी तरह भारत में काम करने वाले विदेशी बैंकों में कल्पना मोरपारिया, जेपी मोर्गन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की मुख्य कार्यकारी अधिकरी हैं और नैना लाल किदवई एचएसबीसी इंडिया की कंट्री हेड हैं.

महिलाएं भारतीय रिजर्व बैंक में भी कई प्रमुख पदों पर काबिज रही हैं, इनमें हाल के वर्षो में प्रमुख हैं- केजे उदेशी, श्यामला गोपीनाथ और उषा थोराट. ये सभी भारतीय रिजर्व बैंक की डिप्टी गवर्नर रह चुकी हैं.

उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंध निदेशक पद पर अरुंधती भट्टाचार्य की नियुक्ति के प्रस्ताव को केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्रीय सतर्कता आयोग से समर्थन मिल गया है. अब इस प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति के फैसले का इंतजार है.

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार एक संपूर्ण महिला बैंक शुरू करने की दिशा में भी काम कर रही है, जो घरेलू वित्तीय मामलों में अब तक हाशिए पर रहीं महिलाओं के सशक्तीकरण और मुख्यधारा में उनके समावेशीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है. महिला बैंक के नवंबर तक शुरू हो जाने की संभावना है.

वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मौजूदा कारोबारी साल के लिए पेश आम बजट में देश के पहले पूर्ण महिला बैंक की स्थापना की योजना पेश की थी. योजना के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में छह शाखाओं के साथ यह बैंक काम करना शुरू करेगा. 1,000 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी से शुरू होने वाले इस बैंक के कर्मचारियों में अधिकतर महिलाएं होंगी. महिला बैंक मुख्यत: महिलाओं और महिलाओं द्वारा संचालित कंपनियों को ऋण देगा और महिला स्वयं सहायता समूहों और महिलाओं को जीविकोपार्जन में मदद करेगा.

यूं तो महिला सशक्तीकरण और समावेशीकरण की दिशा में काफी कुछ किए जाने की जरूरत है, लेकिन भारतीय स्टेट बैंक के शीर्ष पद पर एक महिला की नियुक्ति को इस दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में देखा जाना चाहिए।

महिला सशक्तीककरण का मायने समझाने जा रही अरूंधति भट्टाचार्य से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए कृपया क्लिक करें:- मुबारक मेरी बि‍टिया, एसबीआई में एमडी बनी अरूंधति

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