अपराध रोकने की औकात नहीं, पत्रकारों को सबक सिखाने की कवायद

सैड सांग

: ऐसा कोई शख्‍स नहीं, जिसे इस कप्‍तान ने दुख दिया नहीं : क्राइम का ग्राफ पूरे जिले का दहला रहा है, लेकिन एसपी पत्रकारों की राजनीति में संलिप्‍त : अपना नहीं, सूचना विभाग का कामधाम छीन कर दादागिरी कर रही है पुलिस, दावा कि पत्रकारों को जांच होगी :

मेरी बिटिया संवाददाता

देवरिया : जिले के पत्रकारिता के इतिहास में अब एक नया अध्याय जुड़ गया है। जिसमें इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया के 24 पत्रकारों ने जिले के सभी पत्रकारों को फर्जी साबित करने की इबारत लिख दी है।सवाल ये उठता है कि क्या जिले भर में पत्रकारिता का परमिट ये 24 पत्रकार ही देंगे या यही लोग संस्थाओं से ऊपर उठकर जिले भर के पत्रकारों को वैध या अवैध घोषित करेंगे।

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मामला ये है कि 1 दिसंबर नगर निकाय मतगणना के दौरान पुलिस ने भाजपाई नेताओं अधिवक्ताओं समेत जिले के कुछ पत्रकारों पर बर्बतापूर्ण लाठीचार्ज किया था।जिसमें कईयों को गंभीर चोटें भी लगी थीं।

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अभी तक बर्बतापूर्ण लाठीचार्ज से पीड़ित वरिष्ठ पत्रकार चन्द्र प्रकाश पांडेय का मुकदमा तो नही दर्ज किया गया लेकिन 12 दिसम्बर को इन 24 पत्रकारों द्वारा दिए गए ज्ञापन को आई टी एक्ट 67 और आईपीसी 506 की धारा में मुकदमें के रूप में दर्ज कर लिया गया। साथ ही वरिष्ठ पत्रकार चंद्र प्रकाश पांडेय के सहयोगी पत्रकारों के पीछे देवरिया पुलिस के स्वाट,ईगल और क्राइम ब्रांच की टीमों को लगा दिया गया।देवरिया पुलिस की सभी टीमें वर्तमान में हो रहे अपराधों लंबित मामलों आदि को नजरअंदाज करते हुए अपराधियों की तरह इन पत्रकारों को खोजने में लगी है।

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पत्रकार पत्रकारिता

एक तरफ पत्रकारों के घर के आसपास फ़ोटो दिखा कर पत्रकारों के बारे में पूछताछ कि जा रही है और दूसरी तरफ पत्रकारों को पकड़ने के लिए पुलिसिया दबिश का दौर चल रहा है।इसी क्रम में बीते शनिवार की रात को देवरिया के पत्रकार प्रवीन यादव को देवरिया पुलिस के स्वाट टीम के प्रभारी अनिल यादव ईगल टीम के प्रभारी प्रदीप शर्मा और कोतवाली पुलिस से श्रवण यादव मयफोर्स उठाकर कोतवाली ले आये।शनिवार की ही रात शहर में लूट और चोरियों की भी घटनाएं घटित हुई।

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यहाँ सवाल ये उठताहै कि एक पत्रकार को कोतवाली लाने के लिए देवरिया पुलिस की तीन टीमों को लगाया जाना कितना न्याय संगत है? फिलहाल रविवार की दोपहर पत्रकार प्रवीन यादव को पुलिस ने छोड़ दिया है।सूत्रों की जानकारी के अनुसार पुलिस के पास लगभग 20 पत्रकारों की सूची है जिनके खोज में देवरिया पुलिस की स्वाट और ईगल टीमें लगी है।

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