स्पाइडरगर्ल है केरल की अन्ना मैरी ज्योत्सना
बैंगलोर : नौ साल की बच्ची को सीढियों पर धड़धड़ाते तो आपने खूब देखा होगा, लेकिन आइये हम आपकी मुलाकात एक ऐसी बच्ची से कराते हैं जो सीढि़यों पर नहीं, बल्कि सीधे दीवार पर ही धड़धड़ाते हुए चढ़ जाती है। बिलकुल उसी तरह जैसे कोई मकड़ी दीवार पर दौड़ती है। भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक जीजी थामसन ने जब इस बच्ची को देखा तो दांतों तले उंगलियां चबा गये। अब यह लड़की खेल प्राधिकरण के यहां के परिसर में रहने वाली सबसे कम उम्र की बच्ची के तौर पर शुमार होने जा रही है। इतना ही नहीं, वह अब चीन के वुहान प्रांत में बने विशेष खेल संस्थान में भी विशेष प्रशिक्षण करने रवाना होगी।
इस बच्ची का नाम है अन्ना मैरी ज्योत्सना। उम्र है केवल 9 बरस। बैंगलोर के एक पेन-विक्रेता जॉय और गृहणी मिनी की तीन बेटियों में सबसे छोटी ज्योत्साना को खेल प्राधिकरण के नियम-कानूनों की दीवार पर भी धड़धड़ाते हुए चढाई कर डाली है। दरअसल, उसे इस प्राधिकरण में दाखिला करने का फैसला किया है। और आपको बता दें कि इसके लिए महानिदेशक ने विशेष परिस्थितियों में विशेष अनुमति देने का फैसला किया है। क्योंकि प्राधिकरण के नियमों के मुताबिक कम से कम 12 वर्ष की उम्र इस प्राधिकरण में दाखिला पाने के लिए अनिवार्य होती है। थामसन ने कहा है कि इस बच्चीड में अविश्वसनीय क्षमताएं हैं। ज्योत्सना को दाखिला दिलाने के लिए तिरूअनंतपुरम् के नेशनल फिजिकल एजूकेशन कालेज के प्राचार्य जी किशोर ने खूब संभावनाएं खोजी हैं। किशोर चाहते है कि ज्योत्सना को जिम्नॉस्टिक बनाया जाए।
ज्योत्सना की बड़ी बहन जेनिमॉल जॉय ऊंची कूद की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल कर चुकी है। ज्योत्सना की मां मिनी बताती हैं कि वह तो चार साल की उम्र में ही दीवार पर चढ़ जाती थी। कुछ भी हो, अपनी इस दैवीय क्षमताओं के बावजूद ज्योत्सना का इरादा तो एक डॉक्टर बनने का ही है।