दांव पर पैसा लगाने के लिये बेच दिया बेटियों को
शरई कानूनों के हिमायती पाकिस्तान में हुआ हादसा: चार जवान बेटियों की दुर्दशा पर पाकिस्तान में बहस शुरू: दामन पर दाग न लगने के चलते पुलिस गढ रही कहानी:
जुए पर अपनी जिन्दगी भर की जमा पूंजी को लगाते और हारते तो आपने खूब देखा होगा। लेकिन एक शख्स को इतना बेधडक निकला कि उसने अपनी चारों जवान बेटियों तक को दांव पर लगा दिया। रोंगटे खडे कर देने वाली यह वारदात पाकिस्तान में हुई। हालांकि पुलिस अब इस मामले की छानबीन में जुट गयी है।
लेकिन जानकारों के मुताबिक पुलिस इस मामले पर धूल डालने के लिए इसे आपसी विवाद का मसला बताने पर जुट गयी है।
जुआ पर लानत भेजते लोग तो खूब मिल जाएंगे, मगर इसके बावजूद इस नामाकूल शै से लोग अपना दामन जोड ही लेते हैं। यह जानते हुए कि इसी नापाक लत ने अतीत में महाभारत जैसे एक महाकाण्ड तक करा डाला था। दीपावली के मौके पर तो पूरे हिन्दुस्तान में यह लत ना जाने कितने परिवारों को तबाह और बर्बाद कर देती है।
जुए की लत के कारण आपने घर का सामान बिकते हुए तो सुना होगा। लेकिन पाकिस्तान के लरकाना जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है। जहॉं जुए के जुनून मे एक पिता ने अपनी चार बेटियों को ही बेच दिया। पति की करतूतो से तंग आकर पत्नी ताजूल खातून ने अब पति दानिश बक्श से तलाक की मांग की है। ज्ुाए की लत दानिश बक्श पर इतना हावी था कि न उसने समाज की परवाह की,न घर वालो की। उसने अपनी चारो बेटियो रूबिना, शबाना कंवल रशीदा का सौदा डेढ लाख मे कर लिया। रूबिना और शबाना को तो करीब दो साल पहले ही बेच चुका था।
अपने पति से तलाक मॉग रही ताजुल खातून ने जब अपनी बेटियो को खरीददारो के हवाले करने से इन्कार कर दिया तो तो धानि बख्ष ने गुस्से में आकर उसके साथ मारपीट की। जब पिता हबीबुल्लाह और नजदीकी रिश्तेदारों रहमतुल्लाह, मुहम्मद अली, दीदर अली और मुहम्मद जुमन ने बीच-बचाव का प्रयास किया तो इस झगडे में वे भी घायल हो गये। उघर पुलिस जांच करने के बजाय कुछ और ही कहानी बता रही है कि ये बेटियो की खरीद फरोख्त का मामला न होकर घरेलू विवाद का मामला है। बताते हैं कि पुलिस अपनी इस थ्योरी को इसलिए लागू करना चाहती है ताकि इस जघन्य काण्ड से अपना दामन छुडा सके।
कुछ भी हो, पाकिस्तान में हुई इस वारदात ने वहां इसको लेकर एक बहस तो छिड ही गयी है। वजह यह कि खुद को इस्लामी मुल्क कहने वाले पाकिस्तान में शरई कानूनों की वकालत की जाती है। और जुआ खेलना या खिलाना शरई कानूनों के हिसाब से नाकाबिले बर्दाश्त है।