सरहदी गांधी की शिक्षाएं मुझे रास्ता दिखाती रहीं
यूएन : तालिबान के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली पाकिस्तानी किशोरी मलाला यूसुफजई ने संयुक्त राष्ट्र में दिए गए अपने पहले सार्वजनिक भाषण में कहा कि वह महात्मा गांधी के अहिंसा के मार्ग से प्रेरित है। गौरतलब है कि तालिबानी आतंकवादियों ने मलाला के सिर में गोली मार दी थी, जिसके उसका लंबे समय तक लंदन में इलाज चला था।
मलाला ने अहिंसा पर जोर देने वाले गांधी जी और दुनिया के अन्य प्रमुख नेताओं को याद करते हुए कहा कि मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं और न ही मैं तालिबान या किसी अन्य आतंकवादी गुट के खिलाफ निजी बदला लेने के लिए यहां पर बोल रही हूं। मलाला ने संयुक्त राष्ट्र के युवा सभा में शुक्रवार को कहा कि मैं यहां प्रत्येक बच्चे के लिए शिक्षा के अधिकार पर बोलने आई हूं।
उन्होंने कहा कि मैं तालिबान और अन्य आतंकवादियों तथा अतिवादियों के सभी बेटों और बेटियों के लिए शिक्षा चाहती हूं। मैं यहां तक कि तालिबान से घृणा भी नहीं करती हूं, जिन्होंने मुझे गोली मारी थी। यदि मेरे हाथ में बंदूक हो और वे मेरे सामने हो तो भी मैं उन्हें गोली नहीं मारूंगी
16 साल की मलाला ने कहा कि अहिंसा का यही दर्शन है, जिसे मैंने गांधी जी बादशाह खान और मदर टेरेसा से सीखा है।