इमरान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी भी खामोश
पेशावर : पाकिस्तान सहित दुनिया भर में शुक्रवार का दिन भले ही मलाला के जन्मदिन को मलाला दिवस के रूप में मनाया गया लेकिन उसके गृह नगर में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले में किसी ने मलाला को याद भी नहीं किया। प्रांत में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की सरकार है। यहां सरकार की ओर से किसी कार्यक्रम का आयोजन नहीं हुआ।
पिछले वर्ष अक्टूबर में तालिबान आतंकियों ने मलाला के सिर में नजदीक से गोली मार दी थी ताकि वह पाकिस्तान की स्वात घाटी का स्कूल छोड़ दे। ऐसा इस वजह से कि वह वहां महिलाओं को पढ़ने नहीं देने के तालिबान के प्रयासों के खिलाफ अभियान चला रही थी।
पाकिस्तान में तालिबान की धमकी से बेपरवाह होकर लड़कियों की शिक्षा की पैरोकारी करने वाली मलाला यूसुफजई के जन्मदिवस के मौके पर शुक्रवार को पूरी दुनिया में मलाला दिवस मनाया गया, हालांकि इस दिन उनके गृह जिले में उनके साहस और संघर्ष को लगभग भुला दिया गया।
मलाला दिवस के मौके पर पाकिस्तान में कई स्थानों पर संगोष्ठियों, सम्मेलनों और समारोहों का आयोजन किया गया। इनमें विद्वानों, शिक्षाविदों और विश्लेषकों ने हिस्सा लिया तथा तालिबान के खिलाफ उनके संघर्ष का स्मरण किया। मलाला आज 16 साल की हो गईं।
मलाला के गृहनगर स्वात में इस दिन पर कुछ खास नहीं हुआ। स्वात में ही तालिबान ने पिछले साल मलाला पर हमला किया था। इस हमले के बाद यहां स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। स्वात खबर पख्तूनख्वाह में आता है, जहां की प्रांतीय सरकार इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ की है।
प्रांतीय सरकार ने मलाला दिवस के मौके पर स्वात में कोई खास कार्यक्रम आयोजित नहीं किया। स्वात से सांसद मुराद सईद ने कहा कि बाल अधिकारों के लिए मलाला की सेवा को कभी नहीं भूला जा सकता।