ब्राजील की हत्यारी डाक्टर पर अब कसने जा रहा है 300 हत्याओं का मामला
क्यारिबिटा: ब्राजील के एक डाक्टर ने अब तक 300 मरीजों को मौत के घाट उतार दिया। वजह यह कि उसकी अस्पताल में भर्ती करने वाले मरीजों के लिए बिस्तर ही नहीं बचे थे। सो, उसने जुगत यह भिड़ायी कि नये मरीजों को अस्पताल में दाखिला करने के लिए वहां पहले से भर्ती कुछ मरीजों को मौत के घाट उतार दिया जाए ताकि उनके स्थान पर खाली बिस्तरों पर नये मरीजों को भर्ती किया जा सके। पुलिस अब इस मामले की तफ्तीश में जुट गयी है। स्थानीय कानूनों के मुताबिक अगर इस महिला डाक्टर पर यह आरोप आयद हो गया तो उस पर मौत की सजा दी जा सकती है।
डाक्टरों के कसाई बन जाने के किस्से केवल भारत में ही नहीं मिलते हैं। ताजा खबरों के मुताबिक केवल पैसा उगाहने के लिए ब्राजील जैसे दशों के डाक्टर भी खूब सक्रिय हैं जो केवल पैसा कमाने के चक्कर में निरीह मरीजों का गला तक रेत देने पर गुरेज नहीं करते। ऐसे ही एक डाक्टर को यहां की पुलिस ने दबोचा है। पुलिस के अनुसार एक ब्राज़ीलियाई गहन देखभाल इकाई यानी आईसीयू में एक महिला डॉक्टर वर्जीनिया सोरस डी सूजा पर सात मरीजों की हत्या में आरोप लगाया गया है। जांचकर्ताओं का कहना है कि इस अस्पताल में पिछले सात बरसों के दौरान हुई 300 मौतों के लिए भी यह महिला डाक्टर जिम्मेनदार हो। अभियोजन पक्ष के अनुसार इस महिला डाक्टर ने अपने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ मिल कर इन मरीजों पर उनको लगाये गये ऑक्सीजन नली को काटने, उनका गला घोंटना और फिर उनकी मांसपेशियों को ढीला करने का तरीका इस्तेमाल किया था।
जांचकर्ताओं के अनुसार यह घटना का पता तब चला जब इस अस्पताल में अचानक सात मरीजों की अस्वाकभविक तौर पर मौत हो गयी। शिकायतें मिलने पर जांचकर्ताओं ने इस पाया कि यह मौतें साजिशन ही थीं जिनका मकसद केवल पैसा उगाहना ही था। अब जांच की जा रही है कि पिछले पांच बरसों के दौरान इस अस्पताल में भर्ती 1700 मरीजों में कितनी की मौतें अस्वाभाविक थीं। चौंकने लायक तथ्य हैं कि ऐसे लोगों में तीन सौ से ज्यादा मरीजों की मौत हो गयी थी। जांचकर्मी इस अस्पताल के संबंधित रिकॉर्ड की समीक्षा कर रहे हैं।