बधाई हो अखिलेश सरकार के जांबाज लड़कों। आज कक्षा-एक में बढ़ने वाली बच्‍ची पर टूटा रेप का कहर

सैड सांग

: अगर आपकी नन्‍हीं बेटी है, तो आप यूपी की कानून-व्‍यवस्‍था से दहल जाएंगे : लखनऊ आशियाना थाना परिसर के ठीक पीछे हुआ मासूम से बलात्‍कार : मोहनलालगंज की युवती से लेकर अब छह बच्‍ची की उम्र तक गिरता जा रहा है बलात्‍कार पीडि़तों की उम्र का ग्राफ : अब तक तो केवल गरीबी पर रेप होता था, अब बड़े घरानों पर हुआ बलात्‍कारों का हमला :

कुमार सौवीर

लखनऊ : अखिलेश सरकार की नजर में विकास का मतलब कानून-व्‍यवस्‍था दुरूस्‍त करना नहीं, बल्कि अरबों की योजनाओं और यश-भारती पुरस्‍कार बांटने की कवायद ही है। अपने पूरे पांच साल के कार्यकाल में अखिलेश सरकार ने यूपी को जिस तरह अपनी जागीर मान कर जन-भावनाओं और जन-आवश्‍यकताओं के बजाय सरकारी खजाने को यादव खानदान की ख्‍वाहिशों में फूंका, और यूपी के अराजक-बलात्‍कारी युवकों की जघन्‍य करतूतों को उनका लड़कपन मान लिया, उसका नतीजा अब एक रोंगटे खड़े कर देने वाली हादसे के तौर पर सामने आया है। बेधड़क अपराधियों ने बीती शाम राजधानी को दहलाते कर यूपी सरकार के गाल पर एक जबर्दस्‍त तमाचा रसीद करते हुए आशियाना के ठीक पीछे कक्षा एक में पढ़ने वाली एक मासूम बच्‍ची को अपनी हवस का शिकार बना लिया।

खबर के मुताबिक आशियाना के एक बड़े और प्रतिष्ठित स्‍कूल की एक बच्‍ची को एक युवक फुसलाकर अपने साथ ले गया। पीडि़त बच्‍ची इसी विद्यालय में कक्षा एक में पढ़ती है। यह बच्‍ची को आशियाना में एक युवक के फुसलाया और उसे टॉफी दिलाने का लालच दिया। इसके बाद वह आशियाना थाने के पीछे एक झाड़-झंखाड़ के पास ले गया और उसके साथ दुराचार किया। लखनऊ के डीआईजी प्रवीण का दावा है कि इस बारे में पूरी छानबीन की जा रही है।

आपको बता दें कि इसके पहले यूपी में बलात्‍कारों की भयानक आंधियों का सामना कर उसकी गम्‍भीरता का अर्थ तब समझा था, जब राजधानी के मोहनलालगंज में एक सरकारी स्‍कूल परिसर में 35 बरस की एक युवती की खून से सनी हुई लाश बरामद हुई थी। यह लाश पूरी तरह नंगी थी और साफ दिख रहा था कि इस युवती के साथ करीब आधा दर्जन दरिंदों ने बर्बर व्‍यवहार किया था। इतना ही नहीं, मामले की जांच में एक जांच अधिकारी ने बताया था कि इस युवती के साथ बर्बरता इस कदर की गयी कि उसके गुप्‍तांग में हैंडपंप का हत्‍था घुसेड़ दिया गया था।जाहिर है कि इस घिनौने कृत्‍य को केवल एक शख्‍स ही नहीं कर सकता था।

लेकिन इस मामले को सरकार-शासन ने आनन-फानन महिला सुरक्षा प्रकोष्‍ठ की प्रभारी और पुलिस की महानिदेशक सुतापा सान्‍याल को सौंपा। हालांकि इस कृत्‍य की जांच से सुतापा सान्‍याल का कोई भी स्‍पष्‍ट विभागीय लेना-देना नहीं था, लेकिन शासन के एक बडे असरदार ओहदेदार अधिकारी के इशारे पर सुतापा सान्‍याल ने इस मामले पर जितनी भी धूल हो सकती थी, कर डाली।

किसी बकलोल गुडि़या की तरह जो कुछ भी जिला पुलिस के अफसरों ने उन्‍हें लिख कर दिया, सुतापा सान्‍याल ने उसे किसी रट्टू-तोता की तरह प्रेस के सामने बकबका दिया। नतीजा यह हुआ कि पुलिस ने एक गार्ड को जेल भेज कर अपने दायित्‍वों की इतिश्री कर दी। हालांकि अपने इस महानतम त्‍याग का मुआवजा भी सुतापा सान्‍याल को सरकार की ओर से अब तक नहीं मिल पाया।

लेकिन इसके बाद प्रदेश ही नहीं, पूरे लखनऊ में ही बलात्‍कारों और बलात्‍कार के बाद पीडि़त महिलाओं की नृशंस हत्‍याओं का सिलसिला भी शुरू हो गया।

मगर बेहद शर्म की बात है कि इस बार महज 6 साल की हमारे समाज की एक मेरी बिटिया दरिंदों का शिकार बन गयी।

इस मामले को अब हम सिलसिलेवार छाप रहे हैं। इसके अगले अंकों को देखने-पढ़ने के लिए निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिएगा :- मेरी बिटिया

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