प्रतिकूल हालातों में भी जीत गयीं प्रिया की हसरतें
कठिन परिस्थितियों से हारें नहीं, जूझती रहें: प्रिया पॉल
मशहूर पत्रिका फोर्ब्स ने एशिया की कारोबारी जगत की महिला हस्तियों में शीर्ष में खोजा और सम्मान दिया है। इसके पहले प्रिया पॉल पद्मश्री सम्मान भी राष्ट्रपति से हासिल कर चुकी हैं। प्रिया पॉल का नाम उनकी उन सफलता पर तब चमका जब बेहद प्रतिकल और कठिन हालातों में प्रिया पॉल ने अपने सपनों को लक्ष्य बनाया। फिर क्या था। सफलता उनके चरणों को चूमने लगी। कहने की जरूरत नहीं कि प्रिया पॉल भारत और दुनिया की औरतों के लिए प्रकाश-स्तम्भ के तौर पर पहचानी जाएंगी और उनका जीवन ऐसे महिलाओं को हौसला दिलायेगा।
प्रिया पॉल का जन्म वर्ष 1967 में हुआ। वह भारत की एक प्रसिद्ध महिला उद्यमी हैं और फिलहाल एपीजे द पार्क होटल्स के बुटीक होटल्स चेन की चेयरपर्सन हैं। अमेरिका के वेस्ले कालेज से इकोनोमिक्स में डिग्री लेने के बाद उन्होंने पार्क होटल ज्वाइन किया। 22 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली नौकरी मार्केटिंग मैनेजर के रूप में दिल्ली में अपने पिता के अधीन शुरू की। प्रिया ने तेजी से कामयाबी की सीढि़यां चढ़नी शुरू कीं और जल्द ही कार्यकारी जनरल मैनेजर बन गईं।
वर्ष 1990 में केवल 23 साल की उम्र में प्रिया एपीजे सुरेंद्र ग्रुप के हास्पिटेलिटी डिवीजन की चेयरपर्सन बन गईं। नब्बे के दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था जिस हालत में थी, उसे देखकर देश में डिजाइनर होटल्स की शुरुआत करने की सलाह कोई भी अर्थशास्त्री नहीं देता, लेकिन प्रिया अपना रास्ता खुद चुनने में यकीन करती हैं। वह जोखिम भरे फैसले लेने से भी पीछे नहीं हटती हैं और इस कारण आज उन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ उद्यमियों में गिना जाता है। प्रिया ने भारत में बुटीक होटल्स की शुरुआत की और साल 1991 में दि पार्क होटल्स को देश का पहला और एकमात्र बुटीक होटलों के समूह के तौर पर स्थापित किया। खूबसूरत डिजाइन, स्टाइलिश और सभी सुविधाओं से संपन्न ये बुटीक होटल्स प्रिया के व्यक्तित्व की खूबियां बयां करते हैं।
कई पुरस्कारों एवं सम्मानों से नवाजी जा चुकीं प्रिया को फेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से 1999-2000 में यंग एंटरप्रेन्योर ऑफ दि ईयर अवार्ड दिया जा चुका है। इसके अलावा वह इकोनोमिक टाइम्स की बिजनेसपर्सन ऑफ द ईयर, 2002-2003 भी रह चुकी हैं। प्रिया होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की उपाध्यक्ष और वर्ल्ड ट्रैवल टूरिज्म काउंसिल के एशिया चैप्टर की संस्थापक सदस्य हैं। वह यंग प्रेसिडेंट्स आर्गेनाइजेशन और पाटा एन्वायरनमेंट एंड ईको टूरिज्म कमेटी की भी सदस्य हैं।
वह इंडिया फाउंडेशन ऑफ द आर्ट्स की ट्रस्टी और नेशनल कल्चर फंड के बोर्ड की सदस्य भी हैं।सफलता का मंत्रः आपका सपना तभी लक्ष्य बनता है, जब आप उसे पाने के लिए कोशिश करते हैं।