ओबामा को बोलने पर मजबूर कर ही दिया भारतीय बाला ने
मैं उनके जवाब से संतुष्ट नहीं, वह कूटनीतिक जवाब ही था: आफशीन ईरानी ने आखिरकार तोड ही डाली ओबामा की चुप्पी : मैं जानना चाहती थी कि अमेरिकी लोग चरमपंथ पर क्या सोहते हैं पाकिस्तान के बारे में: आतंक के चरमपंथ के संदर्भ में दुनिया के दबंग बराक ओबामा ने भले ही पाकिस्तान का नाम लेने से परहेज किया हो,लेकिन एक भारतीय बच्ची ने उन्हें इस ज्वलंत मसले पर बोलने पर मजबूर कर ही दिया। ओबामा जब सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज पहुँचे तो मैनेजमेंट की 19 वर्षीय छात्रा अफ़शीन ईरानी ने आखिरकार उनसे पूछ ही लिया कि पाकिस्तान को अमरीका एक आतंकवादी देश क्यों नहीं घोषित करता है।
सवाल पर अचकचाएं ओबामा को आखिरकार पहली बार पाकिस्तान का नाम लेने पर मजबूर होना ही पड गया। और उधर अपने इस सवाल के बाद अफ़शीन ईरानी मीडिया में छा गयी। हालांकि आफशीन अभी भी साफ कहती है कि ओबामा का जवाब केवल कूटनीतिक ही था और वे उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। आफशीन के अनुसार ओबामा का जवाब अच्छा था. एक व्यक्ति के तौर पर मुझे वो बहुत अच्छे लगे.ओबामा ने अपनी यात्रा में पाकिस्तान का कोई ज़िक्र नहीं किया था. लेकिन मैं जानना चाहती थी कि अमेरिकी लोग पाकिस्तान के बारे में क्या सोचते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने बराक ओबामा के बारे में काफ़ी शोध किया था.
मैंने पहले भिन्न सवाल पूछने के बारे में सोचा था कि एक तरफ़ जब रतन टाटा जैसे भारतीय लोग अमरीकी विश्वविद्यालयों को धन मुहैया करवा रहे हैं तो अमरीका इस बदले में भारत के लिए क्या कर रहा है. लेकिन अपने एक दोस्त से बातचीत के दौरान मैने पाकिस्तान के बारे में सवाल करने का फ़ैसला किया.
हालाँकि अफ़शीन कहती हैं कि सवाल पूछने से पहले वो थोड़ा अनिश्चित थीं और झिझक रही थीं क्योंकि सवाल थोड़ा विवादास्पद था. अफ़शीन अपने कॉलेज की अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम समिति की डॉयरेक्टर हैं.साथ ही वो कॉलेज की ष्स्टुडेंट्स इन फ्री इंटरप्राइज़ष् संस्था की भी प्रमुख हैं.ये संस्था गरीब और पिछड़े लोगों को अपने पैरों पर खड़े होने में मदद करती है.
उनका कहना था कि मौका मिले तो वो पाकिस्तान ज़रूर जाना चाहेंगी.उनकी माँ एक वकील हैं.जबकि उनके पिता एक बिल्डर हैं. उधर 20.साल की अनम अंसारी ने जेहाद के बारे में राष्ट्रपति ओबामा का मत जानना चाहा और उनका कहना है कि वो ओबामा के जवाब से संतुष्ट हैं. सेंट ज़ेवियर्स की बीएससी तीसरे साल की छात्रा अनम कहती हैं कि सवाल पूछने के पीछे कोई कारण नहीं था और उन्होंने वहीं बैठे.बैठे सवाल सोचा और पूछ लिया.
अनम कहती हैंए ओबामा का जवाब अच्छा था. एक व्यक्ति के तौर पर मुझे वो बहुत अच्छे लगेण् मेरे परिवार वालों ने मुझसे कहा कि उन्हें गर्व है कि मैंने ये सवाल ओबामा से पूछाष्ण्
कालेज के कई छात्र बराक ओबामा से बेहद प्रभावित नज़र आए. सभी छात्रों ने अपने सवालों के लिए कई दिनों तक मेहनत की थी और कार्यक्रम में पहुँचने के लिए कई मुश्किल चरणों से गुज़रे थेण्
मुंबई के अलग. अलग कालेजों से चुने गए क़रीब साढ़े तीन सौ छात्रों में से छह या सात छात्रों को ही अमरीकी राष्ट्रपति से सवाल पूछने का मौका मिल पाया,