लेकिन मानव का भविष्य क्यों नहीं बताया कंप्यूटर लेडी ने?

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

शांति, ध्यान, अराधना, सक्रियता, विद्या व कम्‍प्‍यूटर था शकुंतला देवी का मंत्र

बैंगलुरू : कम्‍प्‍यूटर लेडी यानी शकुंतला देवी केवल कम्‍प्‍यूटर, गणित आदि की मास्टर नहीं थीं, बल्कि उनका दखल ज्योतिष पर भी जबर्दस्त रहा था। उन्होंने गणित और कम्‍प्‍यूटर से जुड़े जटिल से जटिल सवालों को हमेशा चु‍टकियों से भी पहले हल कर दिया था, लेकिन हैरत की बात है कि शकुंतला देवी ने कभी भी यह नहीं बताया कि आखिरकार मानव का भविष्य क्या है। इस सवाल का जवाब उनसे कई बार पूछा गया, लेकिन हर बार शकुंतला देवी ने हमेशा उसे मुस्कुराते हुए टाल दिया। कुछ भी हो, उनका टैलेंट विश्व में सभी से अलग था और उनका यह मानना था कि हर मानव के पास कंप्यूटर से भी अधिक शक्ति है। वह अपने दिमाग से कंप्यूटर से भी अच्छा काम करके दिखा सकता है।

शकुंतला देवी का जन्म चार नवंबर, 1939 में ब्राह्मण परिवार में बंगलूर में हुआ। उनके पिता स्कूल और कालेज में जादू की अलग-अलग प्रस्तुतियां दिखाते थे, जब शकुंतला तीन साल की थी, तब वह उनके साथ कार्ड ट्रिक्स खेलते थे। शकुंतला ने अपने दादा जी से गणित की प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की, जब शकुंतला पांच वर्षों की थी, तो उन्हें गणित का पूरा ज्ञान हो चुका था। उन्होंने अपने टेलेंट को पूरी प्रार्थना सभा में सभी विद्यार्थियों और प्रोफेसर के सामने मैसूर यूनिवर्सिटी में प्रस्तुत किया।

आठ वर्ष की आयु में शकुंतला ने अपने टेलेंट को अन्नामलाई यूनिवर्सिटी में भी बड़े रोचक ढंग से प्रस्तुत किया। शकुंतला देवी ने अपने अनुभवों से युवा वर्ग को गणित की समस्याओं का हल निकालने के लिए प्रोत्साहित किया। उनका यह मानना था कि अगर युवा वर्ग को सही शिक्षा दी जाए, तो प्रत्येक विद्यार्थी का दिमाग कंप्यूटर की तरह होगा।

शकुंतला देवी ने कुछ किताबें भी लिखीं। किताबों में शकुंतला ने विश्व की फेमस बुक ‘फिगरिंग, दि जॉय ऑफ नंबर, पजल टू पजल यू, मोर पजल टू पजल यू’ इत्यादि में मेंटल केलकुलेशन  की विधियां हैं। शकुंतला देवी महान ज्योतिषी भी हैं और व्यक्ति के जन्म स्थान, जन्म तिथि इत्यादि का सही पता बता देती हैं।

भारतीय गणितज्ञों की शृंखला में शकुंतला देवी का स्थान अप्रतिम है।

शकुंतला देवी से जुड़ी खबरें हम लगातार आप तक पहुंचाते रहेंगे। कृपया क्लिक करें:- कम्‍प्‍यूटर-लेडी की हार्ड डिस्‍क

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