यौन-सामग्री के तौर पर धड़ल्ले से बिक रही हैं भारत की बेटियां

सैड सांग

हरियाणा की बाजारों में सजती है गृह-लक्ष्मी

: उपभोक्ताओं का केवल एक ही फंडा: यूज ऐंड थ्रो : जब लिंग-अनुपात एक हजार पर 877 तक गिरेगा, तो अनर्थ होगा :

हरियाणा : इस प्रदेश के गांवों में अब शादी दो आत्माओं का दिव्य–मिलन अब कंवदंतियों में सिमट गया है। बाजारीकरण ने शादी को एक नया बाजारू माल बना दिया है जिसमें पुरूष उपभोक्ता है और औरत केवल उपभोक्ताव-सामग्री, जहां पुरूष अपनी हैसियत के मुताबिक तोल-मोल करके माल खरीदता है और इसके लिए खूब ठोंक-पीट भी होती है। जी हां, यहां विवाह एक व्यापार बन गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी भारत के दूर-दराज क्षेत्रों से दुल्हनें 30 से 40 हजार रुपयों में खरीदी जाती हैं। सच तो यह है कि यह स्थिति आश्चर्यजनक नहीं है, क्योंकि एक हजार पुरुषों की तुलना में महिलाएं 877 हैं।

कई सामाजिक विशेषज्ञों ने ऐसे हालातों पर गंभीर विवेचना और विश्लेषण किया है। समाचार-संस्थानों ने भी ऐसे शोधों को अपनी प्राथमिकता में रखते हुए उन कारणों की छानबीन करने की कोशिश की है, जिनके चलते समाज, और खासकर हरियाणा, में महिलाओं की दुर्दशा बाकी देश के मुकाबले यकीनन शर्मनाक बन गयी है। इतनी ज्यानदा दुर्दशा दुनिया के किसी भी देश में अब तक नहीं दर्ज किये गये हैं जितना हरियाणा में मिले हैं। यह हालत तो तब है जब भारत सरकार के साथ ही साथ देशी-विदेशी एजेंसियां भी इस हालत को पिछले लम्बे समय से इस लोगों की आंखों को खोलने में जुटी हुई हैं, लेकिन अब तक कोई भी माकूल नतीजा नहीं मिल पाया है।

विशेषज्ञों की जांच-विश्लेषण रिपोर्टों के प्रकाश में इन हालात में दो प्रश्न सामने आते हैं। पहला यह कि आखिर लिंग अनुपात में इतना अंतर क्यों है? दूसरा दुल्हन खरीदने के रिवाज के साथ मानवीय अधिकारों का मामला भी जुड़ा है। यहां के लोगों की मानसिकता अभी भी बेटे को महत्व देने वाली ही है। वे सोचते हैं कि बेटा ईश्वर का वरदान है और बेटी अभिशाप।

कहने की जरूरत नहीं है कि यह सोच इंसानियत को शर्मिंदा करने वाली है। इसी मानसिकता के कारण शादी के लिए लड़कियां नहीं मिलतीं और दूसरे राज्यों से दुल्हन खरीदने की नौबत आती है। और इसी हालत के चलते गरीब परिवार की बेटियां ऐसी मानसिकताओं की भेंट चढ़ती हैं।

यह समाचार श्रंखला का पहला अंक है। पूरी श्रंखला को पढ़ने के लिए कृपया क्लिक करें:- यौन-सामग्री के तौर पर धड़ल्ले से बिक रही हैं भारत की बेटियां

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