बेटियों में बसती है राजा जौनपुर अवनीन्‍द्र दत्‍त दुबे की जान

बिटिया खबर

विरोधियों के अनुसार बिलकुल झक्‍की और बड़बोले भी है राजा जौनपुर

कुमार सौवीर

जौनपुर: यह हैं हमारे मित्र अवनीन्‍द्र दत्‍त दुबे। इनका सरकारी ओहदा है:- राजा जौनपुर। दशहरा के मौके पर उनकी सवारी उनके राजमहल से निकल कर राजा तालाब तक बाकायदा लाव-लश्‍कर के साथ निकलती है। पहले तो हाथी-ऊंट तक इस जुलूस में शामिल होते थे, लेकिन अब इन्‍हें इस रवायत पर लगाम लगा दिया है। मगर सरकारी तौर पर उन्‍हें उस मौके पर पांच पुलिसवालों की गार्ड-ऑनर और बन्‍दूकों की सलामी मिलती है।

लेकिन तो यह उनका सरकारी तामझाम है। इसे छोडि़ये। वजह यह कि वे खुद मानते हैं कि इन औपचारिकताओं के बीच मैं बिलकुल बिजूखा-टाइप बन जाता हूं। हां, वे अक्‍सर राज-सभा का आयोजन जरूर करते हैं। उनके श्रैष्‍ठतम सभासद-दरबारी में शामिल हैं जौनपुर की जहीन शख्सियत मियां मिर्जा दावर बेग। हाजिर जवाब।

पिछले दिनों जौनपुर जाने पर राजा जौनपुर से मिलने गया मैं उनकी हवेली पर। बस अचानक पर पहुंच गया। भूख बहुत लग रही थी, सो सोचा, जलपान वहीं कर लूंगा। तृप्‍त हो गया।

गजब का विस्‍तार है इस राजमहल का। और उससे भी ज्‍यादा विस्‍तार है उनके दिल और दिमाग का। दोस्‍ती पर उनका सबसे पहले होता है। खाने-पीने का शौक तो है ही, लेकिन खाने-पिलाने का भी बेहद है। दोस्‍त आ गया हो तो वे अपने हाथ से खास डिश तैयार करते हैं।

शिकार के इंतिहाई शौकीन है अवनीन्‍द्र दत्‍त दुबे। लेकिन कभी भी किसी निर्दोष जानवर पर गोली नहीं चलायी। गोली तब ही दागी, जब सरकार ने ऐलान कर दिया कि यह जानवर आदमखोर बन चुका है और उसे मारने के लिए राजा अवनीन्‍द्र दत्‍त दुबे को बाकायदा आमन्‍त्रण दिया गया।

अलमस्‍त शख्सियत है अवनीन्‍द्र दत्‍त दुबे की। अलमस्‍त। शहर के बीचोबीच बने उनके करीब दस एकड़ राजमहल में ही उनका ज्‍यादातर वक्‍त निकलता है। हां, कभी-कभी शहर में कोई खास जलसा हो तो वे देखे जा सकते हैं। घूमने का शौक है, इसलिए कभी लखनऊ, दिल्‍ली, मुम्‍बई, सिंगापुर, दुबई का अक्‍सर दौरा लगाते रहते हैं। दो बिटिया हैं, जिनमें से एक की मुम्‍बई में तो दूसरी की दिल्‍ली में शादी हो चुकी है। बेटियों से बेहद प्‍यार करते हैं अवनीन्‍द्र दत्‍त दुबे।

राजा जौनपुर के पास बेइंतिहा भूमि-सम्‍पत्ति है। और तो और, जौनपुर के पुलिस अधीक्षक के आवास वाली हवेली भी राजा जौनपुर की ही है। अपनी जमीन, निवेश, दोस्‍ती, घुमक्‍कड़ी के बीच घूमते-मस्‍त रहते हैं अवनीन्‍द्र दत्‍त दुबे। वैसे सही बात तो यह है कि वे अब अपनी जिन्‍दगी के इस मुकाम पर दोस्‍तों को लगातार परखते रहते हैं। मतलब भर के झटके खा भी तो चुके हैं राजा जौनपुर। इसके उलट जो लोग राजा जौनपुर से चिढ़ते हैं, उनका कहना है कि अवनीन्‍द्र दत्‍त दुबे बिलकुल झक्‍की, दम्‍भी और बड़बोले भी है।

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