कोर्ट ने अविवाहित महिला को इरादतन हत्या से बरी किया
दिल्ली : अपने नवजात बच्चे को फ्लैट की तीसरी मंजिल से फेंक देने वाली अविवाहित मां को दिल्ली की एक अदालत ने चार साल जेल की सजा सुनाई जो वह पहले ही सुनवाई के दौरान काट चुकी है.
मां के तीसरी मंजिल से नवजात शिशु को फेंकने के कारण उसकी मौत हो गई थी. अदालत ने हत्या के आरोप को हल्का करते हुये दिल्ली में रहने वाली इस लड़की को हत्या की बजाय गैर इरादतन हत्या का दोषी करार दिया और कहा कि इस बात की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता है कि उसका नवजात बच्चे की हत्या का इरादा रहा हो.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार जैन ने कहा, ‘‘आरोपी लड़की परिस्थितियों का शिकार है और जन्म से पहले बच्चे की हत्या का उसका कोई इरादा नहीं था लेकिन उस समय अशांत मानसिक स्थिति की वजह से उसने अपने बच्चे केा फेंक दिया जिससे उसकी मौत हो गई’’ उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि पूरा कृत्य तात्कालिक वजहों से हुआ था इसलिये आरोपी हत्या के अपराध की दोषी नहीं है. हालांकि इस बात की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता है कि उसका नवजात बच्चे की हत्या का इरादा रहा हो’’
अदालत ने उसे चार साल जेल की सजा सुनाई जो वह पहले ही न्यायिक हिरासत के दौरान काट चुकी है. दोषी मां नवंबर 2008 से न्यायिक हिरासत में हैं. अदालत ने उस पर एक हजार रपये का जुर्माना भी लगाया है.