बेसहारा बुजुर्ग मां के लिए उचित व्यवस्था का निर्देश
फरीदाबाद : माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण अधिनियम के तहत गठित ट्रिब्यूनल कोर्ट ने जवाहर कालोनी की वृद्ध महिला चमेली को घर में जीवनयापन के लिए उसके पुत्र से अलग से एक कमरा दिलवाया है। इसके लिए ट्रिब्यूनल ने आरोपी पुत्र रामलाल को आने वाली दो मई तक का समय दिया है।
ट्रिब्यूनल कोर्ट फरीदाबाद की अध्यक्ष एवं एसडीएम सुशील सारवान की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस मौके पर गैर सरकारी सदस्य अनीशपाल व राजेश आर्या भी मौजूद थे। इस दौरान नगराधीश अनु, ट्रिब्यूनल की जाच अधिकारी एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी सुशीला देवी, वेलफेयर अधिकारी एवं पुलिस निरीक्षक कृष्णा देवी भी मौजूद थीं। ट्रिब्यूनल की मासिक सुनवाई के दौरान बुजुर्ग ज्ञानचंद की शिकायत पर ट्रिब्यूनल ने उनके पुत्रों अनिल कुमार, गुलशन कुमार व कमल कुमार को पिता की अनदेखी करने पर फटकार लगाई और तीनों पुत्रों को प्रति माह गुजारे-भत्ते के रूप में उस के बैंक खाते में निर्धारित समयावधि तक 1000-1000 रुपये जमा कराने और पिता के बिजली, गृहकर व अन्य खर्चे भी उठाने के आदेश दिए।
ट्रिब्यूनल ने एनआइटी-5 निवासी भूपेंद्र सिंह के मामले में पुलिस को आरोपी तेजेंद्र सिंह (किरायेदार) को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। एनआइटी के प्रकाशलाल की शिकायत की सुनवाई के दौरान दूसरे पक्ष की अनुपस्थिति में कोई निर्णय लिया जा सका। ओल्ड फरीदाबाद निवासी वृद्ध श्यामलाल की शिकायत पर उनके आरोपी पुत्र रिकु व नयन सिंह के गैर हाजिर रहने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्हें कोर्ट में पेश करने के लिए संबंधित थाना प्रभारी को समन भेजने का फैसला लिया।
ट्रिब्यूनल ने कई मामलों को शिकायतकर्ता की अनुपस्थिति के चलते खारिज भी किया। साथ ही कहा कि खारिज किए मामलों में शिकायतकर्ता दोबारा शिकायत देकर ट्रिब्यूनल में अपना मामला रख सकता है। साथ ही कुछ मामलों को शिकायतकर्ता अथवा आरोपी पक्ष की अनुपस्थिति के कारण उन्हे आगामी सुनवाई के लिए रखा। सेक्टर-15 निवासी एचपी सिंह के मामले में ट्रिब्यूनल ने आरोपी पक्ष पुत्रवधु मनप्रीत (परिवर्तित नाम) को 2 मई तक का समय दिया कि वे आपसी समझौता कर लें। ऐसा ही निर्देश एनआइटी के शिकायतकर्ता चंद्रप्रकाश के मामले में दिया कि वे और उनके आरोपी पुत्र राकेश आपसी समझौता कर लें।