तनी खुसखबरी त सुना। भउजी आ गइलीं

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: 18 भाषाओं-बोलियों में फिर कूहू-कूहू जैसी सुरीली आवाज कूहूगी : विजया ने हजार ज्यादा मंच-कार्यक्रम  किये, एक सौ अलबम जारी : महुआ से हटने के बाद शराब के आगोश में आ गयी थीं भौजी : द संडे इंडियन पत्रिका के ओंकारेश्वर पांडे देश के सम्मानित पत्रकार :

खुशखबरी है हम सब के लिए सबसे बड़ी। दुनिया की भौजी वापस लौट आ गयी हैं। चकाचक। कउनौ दिक्कत नइखे अबले भौजी के। का ह भौजी। बा कउनो दिक्कत। खैर, भौजी तनी हमार जइसन देवरन के जै राम जी त कुबूल कर ला।

तो खैर-बंदगी के बाद खबर यह है कि हमारी भौजी संगीत-गीत और सांस्‍कृतिक जगत में लौट आ गयी हैं। बहुत दिक्कत झेलने के बाद। भौजी के लिए भी और भइया के लिए भी। कउन नरक ना भयल इन दौरान। इकरा के खिलाफ सिकायत, केकरा के खिलाफ सुलह। उनकरा झंझट। उनकरा सुलह। लेकिन सब भाड़ चल गया। हमारा भौजी अब मस्त हवें। भइया भी। अब काला लगावे के नम्बर बा कलमुहां लोगन के। फेसबुक पर भौजी की वापसी पर खूब जश्न मना जा रहा है। कुछ और लोग भी हैं जो हल्ला मचा रहे हैं, लेकिन बाकी सब चकाचक है।

तो देखिये कि भौजी की वापसी का जश्न कैसे चलाया जा रहा है। शुरूआत की है भौजी विजया भारती ने अपनी और भइया की आपस सटी हुई फोटो के साथ लिखा कि :- नमस्कार मैंने अपना वैलेंटाइन डे इस बार भोपाल में सेलेब्रेट किया। भोपाल के समन्वय भवन में। 15 फरवरी-2013 को मेरा म्यूजिकल परफारमेंस भी था।

( भौजी बस इतना ही बोलीं, तो हंगामा खड़ा हो गया। देखिये कि क्या–क्या- बोल गया। )

मयंक सक्सेना:- इसको देखिए…और बस सोचते रहिए कि आखिर हम ग़लत थे या सही…समझना ही मुश्किल है…और सोचना भी कि किसकी मदद के लिए आगे आया जाए, और किसके लिए नहीं…क्या अगली बार विजया जी की मदद के लिए या समर्थन में कोई आगे आएगा…मैं हैरान हूं…और असमंजस में भी कि आखिर हम कब परेशान हो, कब नहीं…और सरोकार से जुड़ने में किस तरह प्रतिष्ठा बचाए रखी जाए…

(जिन साथियों को विजया भारती प्रकरण याद हो, उनके लिए…)

मयंक सक्सेना:- क्या ये भी महिला विमर्श का मुद्दा नहीं कि आखिर कैसे बार बार एक महिला किस मजबूरी में उसका दमन करने वाले पुरुष के ही साथ रहना चाहती है…और अगर ऐसा नहीं है तो क्या हम हर बार किसी की मदद के लिए आगे आने से पहले किसी जासूस से जांच करवाएं कि किसी पुरुष के खिलाफ़ शिकायत सच है या झूठ…

अभिषेक:- यह तस्वीर नौ घंटे पहले की है, जबकि एक और नोटिफिकेशन चमक रहा है… Vijaya became friends with Onkareshwar Pandey.3 hours ago (???!!!)

बंटी त्रिपाठी:- वो इतनी सशक्त महिला होकर गर ये जुल्म सह रही है तो कौन साहस देगा हमारे समाज में उन महिलाओं को जो खुद को बेसहारा समझती हैNikhil Anand Giri हर आदमी में होते हैं दस-बीस आदमी, जिसको भी देखना हो कई बार देखना.. Avinash Das यह मिलना सुखद है। दंपती को उनके बेहतर भविष्यद के लिए शुभकामनाएं दें

मयंक सक्सेना:- कि आखिर कैसे बार बार एक महिला किस मजबूरी में उसका दमन करने वाले पुरुष के ही साथ रहना चाहती है… Avinash Das

अविनाश दास:- स्त्रियां क्षमा करना जानती हैं… इस तस्वीनर को देख कर उनके लिए मंगलकामना करें… जख्म न कुरेदें।

रवींद्र रंजन:- सोच सेर आगे

अभिषेक श्रीवास्तव :- Avinash Das सही लाइन है, पूर्ण समर्थन

मेरी बिटिया ने इस मसले पर सबसे पहले उठाया था। जरा देखिये उस खबर पर

 

का भइल विजया भारती भौजी ?

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *