‘चैंपियंस ऑफ चेंज’ बन गयीं दो अमेरिकी शख्सियतें

सक्सेस सांग

भारत-मूल की हैं अपर्णा भट्टाचार्य और प्रमिला जयपाल

न्यूयॉर्क : समाज में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारतीय मूल के दो अमेरिकियों को ‘चैंपियंस ऑफ चेंज’ सम्मान से नवाजा गया है। भारतीय मूल की दो महिलाओं अटलांटा की रहने वाली अपर्णा भट्टाचार्य और वाशिंगटन निवासी प्रमिला जयपाल एशिया और प्रशांत क्षेत्र के मूल निवासी उन अमेरिकियों में शामिल हैं जिनको अमेरिका के राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस में यह सम्मान दिया गया है।

प्रवासी भारतीयों के परिवारों मुखर वकालत करने वाली, यौन हिंसा और उनके सुरक्षा, न्याय और स्वास्थ्य जैसे के मुद्दों पर काम करने वाली भट्टाचार्य जॉर्जिया राज्य के अटलांटा में ‘रक्षा’ नामक संगठन की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं। वह इस बात के लिए काम करती हैं कि प्रवासी लोगों को अटॉर्नी, कानून प्रवर्तन और सेवा प्रदाताओं से पूरा सहयोग मिले। भट्टाचार्य फिलहाल जॉर्जिया के घरेलू हिंसा के खिलाफ संगठन की सदस्य हैं। इसके अलावा वीआईडीए कानूनी सलाह और नेशनल इमीग्रेंट्स वूमन्स एडवोकेसी प्रोजेक्ट की सदस्य भी हैं।

वहीं, यह सम्मान हासिल करने वाली दूसरी भारतीय मूल की अमेरिकी प्रमिला जयपाल ने अमेरिका में 9/11 आतंकी हमले के बाद एक गैर-सरकारी संगठन ‘वन अमेरिका’ गठित किया जो इस समय वाशिंगटन में अप्रवासियों की पैरवी करने वाला सबसे बड़ा संगठन है। वह वाशिंगटन और पूरे अमेरिका में आव्रजन में अग्रिम सुधारों की दिशा में काम करती रही हैं। वी बिलांग टुगेदर की सह अध्यक्ष के रूप में वह आव्रजन के मामलों में सुधार की वकालत करती रही हैं।

जयपाल फिलहाल सेंटर फॉर कम्युनिटी चेंज और यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन की लॉ स्कूल की प्रतिष्ठित अध्येता हैं। चैंपियन ऑफ चेंज प्रोग्राम अमेरिकी प्रशासन ने उन लोगों को सम्मानित करने के लिए शुरू किया था तो अपने प्रवासी समुदाय को सशक्त करने और प्रेरित करने के लिए असाधारण योगदान दे रहे हैं।

भट्टाचार्य ‘रक्षा’ संगठन की कार्यकारी निदेशक हैं। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया है कि आव्रजकों के मामले में अटॉर्नी, कानून प्रवर्तन और सेवा प्रदाता सांस्कृतिक रूप से सक्षम हों। वह वर्तमान जॉर्जिया कोअलिशन अगेंस्ट डॉमिस्टिक वायलेंस, विडा लीगल असिस्टेंस और द नेशनल इमिग्रेंट वुमंस एडवोकेसी प्रोजेक्ट की बोर्ड सदस्य भी हैं।

ग्यारह सितंबर 2001 के हमलों के बाद जयपाल ने गैर सरकारी संगठन ‘वन अमेरिका’ की स्थापना की थी जो अब वाशिंगटन राज्य में आव्रजकों की वकालत करने वाला सबसे बड़ा संगठन है। उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आव्रजन सुधारों के लिए काम किया है और वह ‘वी बिलोंग टुगेदर-वुमेन फॉर कॉमन सेंस इमिग्रेशन रिफॉर्म कैम्पेन’ की सह अध्यक्ष के रूप में लगातार आव्रजन सुधारों की वकालत कर रही हैं।

‘चैंपियंस ऑफ चेंज’ से सम्मानित होने वाली अन्य महिलाओं में शिकागो से माइरला बोल्डोनाडो, कैलिफोर्निया से निन डैंग और कैथरीन यूसेबियो, बोस्टन से आत्सुको टोटो फिश, अलास्का से लुसियाना टुगा हैंसेन, डेलवर से एर्लाइन लोह, कैलिफोर्निया से मिया मिंगस, लॉस एंजिलिस से नटाली नकासे, हवाई से मैरी फ्रांसिस ओनेहा, बोस्टन से कैरेन सुयेमोटो, शिकागो से नैंसी टोम, कैलिफोर्निया से वान टोन क्विनलीवन और वाशिंगटन डीसी से शिरीन जमां शामिल है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *