कमोड में नवजात: कहीं अनब्‍याही मां की करतूत तो नहीं

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चीन में भी शुरू हो चुका है बेटियों से पिंड छुड़ाने का चलन

झेजियांग : अपनी ही नवजात बच्‍ची को कमोड में फ्लश करने वाले हादसे से चीन ही नहीं, बल्कि दुनिया में भी लोगों के रोंगटे खड़े हो गये हैं। आशंका यह की जा रही है कि किसी अनब्‍याही मां ने अपनी नाजायज बेटी से पिंड छुड़ाने के लिए यह करतूत की होगी। लेकिन सवाल तो यह है ही कि क्या वाकई कोई मां अपने नवजात को टॉयलेट में बहा सकती है। वैसे खबर है कि चीन में अब यह नया दौर शुरू हो गया कि लोग अपनी बच्‍ची को भार समझने लगे हैं और इसे किसी न किसी तरीके से पिंड छ़ुड़ाना चाहते हैं। चीन में इस घटना के बाद ही इस तरह की चर्चाओं और बहसों का नया दौर शुरू हो चुका है।

अच्छी बात ये है कि अब तक जिस बच्चे के मां-बाप का पता-ठिकाना भी मालूम नहीं था वहीं अब उसकी मां मिल गई है। लेकिन मां की मौजदूगी काफी संदेहास्पद है। 22 वर्षीय ये महिला अविवाहित है और मूल रूप से चीन के पूजियांग की रहने वाली है। जब ये रेस्‍क्यू ऑपरेशन चल रहा था उस दौरान भी यह महिला हर वक्त बच्चे के आस-पास ही मौजूद रही लेकिन उसने एक बार भी ये नहीं कहा कि वो ही बच्चे की मां है। उसके कपड़े पर खून के धब्बे थे जिससे पुलिस को उस पर शक हुआ। बाद में जब पुलिस ने उससे सवाल-जवाब किए तो उसने स्वीकार कर लिया कि वो ही बच्‍चे की असली मां है।

मां का कहना है कि उसने जानबूझकर बच्चे को टॉयलेट में नहीं बहाया, यह एक दुर्घटना थी। वह यहां किराए के एक मकान में रहती है। शनिवार को उसके पेट में तेज दर्द हुआ और जब वो शौच को गई तो एकाएक डिलीवरी हो गई और बच्‍चा सीवेज में बह गया। उसने ये सूचना तुरंत अपनी मकान-मालकिन को दी, इसके बाद उसी ने फोन करके पुलिस को सूचित किया। मां का कहना है ‌कि उसने किसी गलत इरादे से ऐसा नहीं किया था।

वहीं दूसरी ओर पुलिस अभी किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची है और मामले की पूरी जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि मां की मानें तो उसने बच्चे को निकालने की पूरी कोशिश की थी लेकिन असफल रही। अपनी चुप्पी पर मां का कहना था कि वो एक कुंवारी मां है और बच्‍चे का पालन-पोषण कर पाना उसके बस के बाहर है। इसलिए उसने खामोश रहना सही समझा। बच्चे के पिता का अब भी पता नहीं चल सका है। रही बात मां की तो उसकी सजा का फैसला जांच पूरी हो जाने के बाद ही किया जाएगा।

शनिवार को चीन के झेजियांग प्रांत में चार इंच मोटी सीवेज पाइप से एक बच्चे को निकाला गया था। हालांकि अब बच्‍चे की हालत स्थिर है और वो हर दिन 30 मिली. दूध भी पी रहा है। हालांकि डॉक्टरों को संदेह है कि उसके सिर में गंभीर चोटें आई हैं। बच्चा अब भी अस्पताल में ही है।

 

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