उमा गयीं ठेंगे पर, वरुण के झूले पर राजनाथ ने लगायीं पींगें

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पलटे भाजपा के पन्ने, यूपी का भविष्य बताया

: राजनाथ सिंह और वरुण गांधी की चक्की में पिस गया उमा का भगवा : पुरानी बात हो गयी उमा को मुख्यमंत्री बनाने का प्रोजेक्शन :

नई दिल्ली : तो तय हो गया कि उमा भारती का जो जिन्न वाले चिराग यूपी की राजनीति में घिसकर कमाल चकमाने का दावा पिछले चुनाव में किया गया था, वह अब फाइनल फुस्स हो गया। चंद विधायकों की बैठक में खुद को नकारने की परिस्थितियों में उमा ने तो खुद को यूपी को टा-टा कह कर खुद को वापस मध्यग प्रदेश की राजनीति में समेटने की कोशिश की थी, उसका असर अब राजनाथ के बयानों से साफ हो गया है। खबर है कि वक्त से पहले लोकसभा चुनाव की अटकलों के बीच बीजेपी ने सबसे बड़े राज्य यूपी में बुधवार से ही अनौपचारिक तौर पर ऑपरेशन यूपी इलेक्शन की शुरुआत कर दी। न सिर्फ स्वाभिमान रैली के जरिए एक बार फिर पार्टी ने यूपी के लोगों में जोश भरने की कोशिश की बल्कि इस रैली के जरिए पार्टी ने वरुण गांधी को भी अपने युवा चेहरे के रूप में स्थापित करने का संकेत देकर यह साफ कर दिया कि आने वाले दिनों में पार्टी राज्य में उनके नेतृत्व में आगे बढ़ने की तैयारी में है। कहने की जरूरत नहीं कि इस नेतृत्व  में अब उमा नहीं, बल्कि वरूण ही होंगे।

गौरतलब है कि यूपी को लेकर बीजेपी की चिंता लगातार इसलिए बनी रही है, क्योंकि उसे बीते कई सालों से वह प्रदेश में नेतृत्व के संकट झेलती आ रही है। 80 सीटों वाले इस राज्य में बीजेपी की कमजोर स्थिति बनी रही है और यही वजह है कि पार्टी में अक्सर यह सवाल उठते रहे हैं कि यूपी के बिना बीजेपी के लिए केंद्र में सत्ता तक पहुंचना बेहद मुश्किल है। यही वजह है कि बीजेपी का लगातार इसी बात पर जोर है कि यूपी में पार्टी संगठन को खड़ा किया जाए।

राजनाथ सिंह ने अपनी टीम में वरुण गांधी को महासचिव बनाने के साथ ही यह संकेत दिए थे कि वरुण गांधी का युवा चेहरे के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। लेकिन बुधवार को बरेली में उन्होंने पब्लिक के बीच वरुण गांधी को यूपी का भविष्य बताकर यह संकेत दे दिया कि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी कम से कम यूपी में वरुण गांधी का जमकर उपयोग करने वाली है। बीजेपी को यह भी लगता है कि इससे न सिर्फ वह राहुल गांधी की काट के रूप में वरुण को सामने रख पाएगी बल्कि उसे यह भी लगता है कि युवा चेहरे के रूप में वरुण गांधी राज्य के वोटरों को भी लुभा सकेंगे। जिसका फायदा बीजेपी को मिलेगा।

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि बुधवार को बरेली का आयोजन वरुण गांधी के दिशा-निर्देश में ही किया गया था और इस रैली में राजनाथ सिंह ने मौजूद रहकर यह संकेत दे दिया कि वे यूपी में वरुण गांधी को चुनाव में अहम जिम्मेदारी देने जा रहे हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस रैली में समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र कश्यप और उनके समर्थकों को बीजेपी की सदस्यता दिलाने में भी वरुण गांधी की ही अहम भूमिका रही है।

दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी ने ही आंवला संसदीय क्षेत्र से धर्मेंद्र कश्यप को हराया था। ऐसे में धर्मेंद्र कश्यप को पार्टी में लाकर यह संकेत दिया गया है कि इस बार आंवला से उन्हें ही उम्मीदवार बनाया जाएगा जबकि मेनका गांधी पीलीभीत से चुनाव लड़ेंगी। इन फैसलों में भी वरुण गांधी की भूमिका को देखा जा रहा है और यह भी माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व ने भी इस पर अपनी सहमति दे दी है।

बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह लगातार यह कहते रहे हैं कि लोकसभा उउम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया इस बार पहले ही शुरू कर दी जाएगी और कोशिश होगी कि कुछ उउम्मीदवारों के चयन का कार्य अगले दो-तीन महीनों में पूरा कर लिया जाए। उनका यह भी कहना है कि इस बार बूथ लेवल पर कमिटियों के गठन का काम चल रहा है और इस पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा चुनाव के लिए ऐक्शन प्लान भी बन रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *