आरूषि-हत्या‍कांड: अदालत में सीबीआई चारों खाने चित्‍त

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: सीनियरों ने नहीं करने दी नूपुर तलवार की गिरफ्तारी :

: यानी अफसरों की मनमर्जी पर चलती है सीबीआई : जांच की सबसे बड़ी जांच एजेंसी की विश्‍वसनीयता संदिग्‍ध :

गाजियाबाद : हिन्‍दुस्‍तान की शीर्षस्थ जांच एजेंसी के कामकाज के तौर-तरीकों की चिंदियां बिखर गयी हैं अदालत में। देश को मथ डालने वाले बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड के मुकदमे में सीबीआई की कार्यशैली का खुलासा होने से सीबीआई की इज्जत अब धूल में सन गयी है। चौंतरफा धड़ाम चुकी हो चुकी सीबीआई की यह तस्वीर का खुलासा किसी और ने नहीं, बल्कि खुद सीबीआई के ही उस जांच अधिकारी ने किया है, जिस पर आरूषि-हेमराज हत्याकांड की जांच का दारोमदार था। सीबीआई के जांच अधिकारी एजीएल कौल से आज अदालत ने जैसे ही पूछा कि जब उनके पास आरुषि की मां नूपुर तलवार के खिलाफ अहम सबूत थे तो उन्होंने नूपुर को गिरफ्तार क्यों नहीं किया, जवाब में जांच अधिकारी कौल बोले:- उन्हें सीबीआई के बड़े अधिकारियों ने ऐसा करने से रोका था।

जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में साफ साफ कहा था कि तलवार दंपति ने ही हत्या की है। जांच अधिकारी ने इससे पहले कोर्ट में कहा था कि वो इस मामले में चार्जशीट दाखिल करना चाहते थे लेकिन उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया। उनका कहना था कि सबूत नाकाफी हैं और चार्जशीट नहीं दाखिल करना चाहिए। सीबीआई के जांच अधिकारी की कोर्ट में जिरह पूरी हो गई है। सीबीआई कोर्ट को ये बता चुकी है कि आरुषि की हत्या उसके मां बाप ने ही की है। सीबीआई ने कोर्ट को सिलसिलेवार ढंग से हत्या वाली रात की एक-एक बात कही।

सीबीआई ने कहा कि राजेश तलवार ही आरुषि और हेमराज के कातिल हैं और उन्होंने दोनों को आपत्तिजनक हालत में देखकर ही कत्ल किया था। कत्ल के लिए राजेश ने गोल्फ स्टिक का सहारा लिया था। सीबीआई ने अदालत को बताया है कि दंतचिकित्सक राजेश तलवार ने अपनी बेटी और नौकर को आपत्तिजनक स्थिति में देखने के बाद दोनों की अपनी गोल्फ स्टिक और तेज धार के हथियार से हत्या की थी।

जिरह के दौरान सीबीआई के अतिरिक्त अधीक्षक एजीएल कौल ने 15-16 मई 2008 की रात दंतचिकित्सक दंपति राजेश और नुपूर तलवार के नोएडा स्थित निवास पर हुई 14 वर्षीय आरुषि और नौकर हेमराज की सनसनीखेज हत्या के पीछे की मंशा के बारे में बताया। कौल ने ही इस मामले की जांच की है।

कौल ने बताया कि उनकी जांच के मुताबिक, राजेश तलवार रात 12 बजे अपने कमरे में जगे हुए थे और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, हत्या का वक्त भी रात 12 से एक बजे के बीच का है। अधिकारी ने हेमराज पर हमला आरुषि के कमरे में उसके बिस्तर पर किया गया। उसे घसीट कर छत पर ले जाया गया, जहां एक कोने में ले जाकर उसका गला काटा गया।

घटनाओं का क्रमवार विवरण देते हुए कौल ने कहा कि राजेश आवाज सुनने के बाद हेमराज के कमरे में गया, लेकिन वह वहां नहीं था। कौल ने अपने बयान में कहा कि हेमराज के कमरे में दो गोल्फ स्टिक पड़े हुए थे, राजेश तलवार ने उसमें से एक उठाया। उसने आरुषि के कमरे से आ रही आवाज सुनी। कमरे का दरवाजा बंद नहीं था सिर्फ भिड़ाया हुआ था। उसने दरवाजा खोला और अपनी बेटी के साथ हेमराज को आपत्तिजनक स्थिति में देखा।

उन्होंने कहा कि दोनों को ऐसी स्थिति में देखकर राजेश तलवार ने हेमराज के सिर पर गोल्फ स्टिक से हमला किया। जब तक वह दूसरा वार करता, नौकर का सिर अपनी जगह से हट गया और वार आरुषि के माथे पर जा लगा। कौल ने कहा कि जब गोल्फ स्टिक जब्त किए गए, तो उनके सिरों को अलग से सील नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि आरुषि के सिर पर यू और वी आकार का जख्म गोल्फ स्टिक के इस्तेमाल से हो सकता है। उस वक्त तक नुपूर तलवार भी जग गई थी।

कौल ने कहा कि राजेश और नुपूर तलवार ने हेमराज के शव को छुपाने और मौका मिलते ही उसे ठिकाने लगाने का निर्णय किया। उन्होंने अदालत को बताया कि हेमराज का शव छुपाने के बाद तलवार दंपति आरुषि के कमरे में आया। उन्होंने अपनी बेटी के गले को भी हेमराज की तरह ही काटा और नुपूर ने आरुषि के गुप्तांग साफ किए।

कौल ने बताया कि दंपति ने खून साफ करने के लिए इस्तेमाल किए गए कपड़ों, और हत्या में प्रयुक्त तेज धार हथियार भी छुपा दिया। दोनों ने गोल्फ स्टिक साफ करके उसे भी छुपा दिया। उसके बाद दोनों ने अपना घर बाहर से बंद किया और दूसरे दरवाजे से अंदर आकर बैठ गए।

 

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