यह रेडियो मेरी बिटिया डॉट कॉम है, अब आप कुमार सौवीर से खबरें सुन रहे हैं

सैड सांग

: अखिलेश सरकार की महिला उपलब्धियों पर केंद्रित है आज का यह बुलेटिन : ठीक एक साल पहले ही आज के दिन यह प्रसारित हुआ था मेरी बिटिया डॉट कॉम का यह विशेष बुलेटिन : अखिलेश सरकार की सर्वोच्‍च प्राथमिकता रही है बच्चियों की हत्‍याएं :

कुमार सौवीर

लखनऊ : यह रेडियो मेरी बिटिया डॉट कॉम है। आप कुमार सौवीर से दिल थाम कर खबरें सुनिये। आंकड़े बताते हैं कि देश के दीगर प्रदेशों के मुकाबले उप्र की समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार ने कार्यकाल में महिलाओं की सुरक्षा और कल्‍याण के लिए सर्वाधिक उपलब्धियां हासिल की हैं। यह सारी योजनाएं पूरा करने के लिए मुख्‍यमंत्री ने पुलिस विभाग और वीमन हेल्‍प लाइन यानी 1090 को पूरा जिम्‍मा दिया, जिसे यहां के लोगों ने जी-तोड़ मेहनत करके इन योजनाओं को अमली जामा पहनाया है। प्रदेश की जनता सरकार की इस उपलब्धियों के लिए भूरि-भूरि प्रशंसा कर रही है।

अब सुनिये इन योजनाओं की खबरें,‍ विस्‍तार से।

दरअसल, हमें अपराधों को एकत्र रखने का सरकारी ठेका तो मिला है नहीं, इसलिए हम केवल उन्‍हें घटनाओं का जिक्र कर रहे हैं, जिसकी याददाश्‍त हमारे दिमाग में है, और जिन्‍हें सुन-देख कर हमारे दिल फट गये।

दरअसल, इन अपराधों की शुरूआत समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के बलात्‍कार की घटनाओं पर दिये गये उस बयान से बुरी तरह भड़की, जब उन्‍होंने यह बयान दिया कि:- लड़कों से गलती हो जाती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्‍हें फांसी पर चढ़ा दिया जाए। देखते ही देखते अपराधियों ने बदायूं में दो बच्चियों की हत्‍या कर उन्‍हें पेड़ पर लटका दिया।

इसके बाद से तो राजधानी ही नहीं, प्रदेश भर में मासूम बच्चियों और महिलाओं के साथ बलात्‍कार और नृशंस हत्‍या का सैलाब ही आ गया।

लेकिन सबसे हैरतनाक हादसा तो 16-17 जुलाई-2014 को हुआ जब एक युवती की नंगी लाश मोहनलालगंज के एक सरकारी स्‍कूल में मिली, जहां एक बड़े बिल्‍डर की कालोनी बन रही थी। लाश पूरी तरह रक्‍त-रंजित थी, और आसपास बेहिसाब खून पड़ा हुआ था। सूत्रों का कहना था कि इस हादसे में कम से कम छह लोगों ने बलात्‍कार करके उसकी नृशंस हत्‍या की थी। मसलन, उस इंडिया मार्क टू हैंडपम्‍प के हत्‍थे पर खून लगा था। सूत्रों की आशंका थी कि इनमें से दो लोगों ने सम्‍भवत: एक झटके में उस युवती के पैर खींच कर हैंडपम्‍प का हत्‍था युवती के गुप्‍तांग में घुसेड़ दिया था। लेकिन पुलिस ने, यह जानते हुए भी इस तरह की नृशंस हत्‍या में कई लोगों के चलते हुए थी, केवल एक गार्ड को फंसा दिया, जिसका भूमिका केवल उस युवती को मौके पर लाने के लिए थी।

इसके बाद 22 अक्‍टूबर-14 को पारा में गैंगरेप के बाद एक युवती की हत्‍या कर दी गयी। यह भी लाश नंगी हालत में मिली थी। दो फरवरी-15 को पीजीआई थाना क्षेत्र में गौरी नाम की एक लड़की के दर्जनों टुकड़े कई स्‍थानों पर बरामद हुए। फिर 17 मई-15 को पारा के ही काशीराम कालोनी में एक बक्‍से में एक युवती की लाश बरामद हुई। 25 जून-15 को अलीगंज के केंद्रीय विद्यालय की बाउंड्री पर एक युवती की लाश बोरे में बरामद हुई। इस लाश पर विद्रूप करने के लिए हत्‍यारों ने उस पर तेजाब भी डाल दिया था।

27 जून-15 गैंगरेप के बाद पीजीआई इलाके में ही एक युवती की हत्‍या कर दी गयी। चार दिसम्‍बर-15 को पूरा ट्रांस गोमती इलाका उस हादसे से दहल गया, जब मडि़याहूं में दो युवतियों की लाशें बरामद हुईं। इन लाशों में सिर्फ धड़ ही मिला था, जबकि इन लाशों का सिर लापता था।

और पिछले दस दिन में तो प्रदेश में दस साल की बच्चियों को बलात्‍कार के बाद जान से मार दिया गया। इनकी हत्‍याओं के लिए जो तरीका अपनाया गया, वह अमानवीय है जिसे देख कर रोंगटे खड़े हो गये। अगले ही दिन पांच दिसम्‍बर को बंथरा में बीए की एक छात्रा की नंगी लाश खेत में बरामद हुई।

और कल मुख्‍यमंत्री आवास, डीजीपी आवास और महिलाओं के सम्‍माान के लिए जी-जान लड़ाने वाली महिला सहायता लाइन 1090 के बमुश्किलन दो सौ मीटर दूर 18 साल की एक बच्‍ची उन्‍नति विश्‍वकर्मा की लाश बरामद हुई। हत्‍या से पहले इस बच्‍ची के साथ अमानुषिक बलात्‍कार किया गया था। यह बच्‍ची पिछले छह दिनों से लापता थी।

पिछले दस दिनों में तो मासूम बच्चियों पर तो शामत ही ला दी है सरकार की कानून-व्‍यवस्‍था ने। बदायूं में साल साल की एक बंंजारा बच्‍ची को बलात्‍कार के बाद अपराधियों ने उसके गुप्‍तांग में गन्‍ने घुसेड़ कर मौत के घाट उतार दिया। जौनपुर के मडि़याहूं में भी यही हुआ, जहां अपनी मां के साथ एक पारिवारिक समारोह में गयी एक बच्‍ची की रेप के बाद हत्‍या कर दी गयी। बलिया, मैनपुरी, हैदरगढ़ में भी यही हुआ। लेकिन हैरत की बात रही कि ऐसी किसी भी घटना में इन इलाकों के किसी भी विधायक-मंत्री ने मौके पर पहुंचने का कष्‍ट नहीं उठाया। सिवाय कांग्रेस की रीता बहुगुणा के।

यह भी होता तो भी गनीमत थी। इन हादसों के बाद जनता सहम तो गयी, लेकिन किसी भी नागरिक ने बोलने की हिम्‍मत नहीं उठायी। सिवाय जौनपुर के मडि़याहूं के नागरिकों ने। यहां पूर्वांचल विश्‍वविद्यालय के स्‍थानीय कालेज के शिक्षक अनुराग मिश्र अपने साथियों के साथ लगातार इस मसले पर बाकायदा नागरिक आंदोलन छेड़े हुए हैं।

अनुराग जैसे लोगों को मेरा जोरदार और गर्मजोश सलाम, जिनके दम पर कायनात कायम है। लेकिन मेरी बिटिया डॉट कॉम पर समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार की उप‍लब्धियों पर केंद्रित समाचार अभी लगातार चलते रहेंगे।wwww.meribitiya.com

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