मेरे दुख-सुख का भागीदार था कमाल खान

: दोस्‍त के रुखसत हो जाने पर उसके दुर्गुणों और गुणों का बखान करना जरूरी : चाहे मुस्लिम सभासदों को भड़काने की साजिशें या फिर बेटी का विवाह, कमाल खान हमेशा साथ रहा : पिता सियाराम शरण त्रिपाठी, रिचा, मित्र वीपी पांडेय, मां, चाची और अतुल पांडेय के बाद अब कमाल खान एक अपूरणीय क्षति […]

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मी लॉर्ड ! आशियाना काण्ड में न्याय से तो सरासर दुराचार हो गया

: जिन्दगी एक पल में तबाह हुई, आपने उसमें ग्यारह साल लगा दिये : आपकी नाक के नीचे होती रही कानून की खरीद-फरोख्त, आप चुप : माफियाओं ने किया कानून का नंगा-नाच, जानता है बच्चा-बच्‍चा : : मी लार्ड ! न्या‍य की इस हालत पर हमें आती है इस व्यवस्था पर शर्म : कुमार सौवीर […]

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