कूड़ेदान में डम्‍प हो गये राजधानी में पांच लाख अखबार

: अखबारों की कीमत बढ़ाने पर बवाल। लखनऊ में सन्‍नाटा, बाराबंकी में बिक गये समाचारपत्र : अखबारवाले नागनाथ, हॉकर सांपनाथ। सबको चाहिए था मुनाफा, भाड़ में जाए पाठक : सबसे ज्‍यादा नुकसान दैनिक जागरण को, अंग्रेजीवालों को कौन पूछता है :  कुमार सौवीर लखनऊ : अखबार मालिकों को अपनी तिजोरियों को भरने की फिराक में […]

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यूपी के अखबार तो सिर्फ भयावह नशीला स्‍वप्‍न-दोष थे, लखनऊ के हॉकरों ने यह नशा छुड़ा दिया

: शुरूआती दौर के दो-तीन दिनों तक पाठक खूब कांखे-पादे, अब सब सामान्‍य हो चुका है : पहले अखबार में मेहतन और चिन्‍तन होता था, अब दल्‍लागिरी और वेस्‍टज ऑफ टाइम : सच बताइये, अखबार न आने से पाठक पर क्‍या फर्क पड़ा : झूठी खबरें प्‍लांट की, विज्ञापन के लिए आबरू तक बेची आपने […]

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