इश्‍क और जिस्‍मानी जरूरत अलग-अलग बातें हैं। इसे समझिये जरूर

: सोशल मीडिया में आप जैसे मासूम परिंदों को चंगुल में फंसाने के लिए चिड़ीमारों की तादात बेहिसाब है : जरूरत उनसे भयभीत होने नहीं, उनको बेहिचक जुतियाने की है : मैसेंजर में अनजाने लोगों से ठोंक बजा कर ही वीडियो-कॉल कीजिएगा : क्‍या वकील, पत्रकार बड़ा अफसर अथवा बिल्‍डर या बिजनेसमैन, अधिकांश लोग ऐसे […]

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अरे उल्‍लू के पट्ठों ! स्‍त्री तुम्‍हारा शौचालय नहीं है रे

: मानव के प्रजनन अंगों का वेद बुना है वात्‍सायन व कोका पंडित ने, उसकी भावुकता व संवेदनाओं की व्‍याख्‍या की है ओशो ने : ओशो यानी ओशनिक, अर्थात समुद्र की तरह गहरा, प्रशांत और रत्‍न-सागर : सहवास। अछूते सवालों पर चर्चा ओशो से पहले भगवान तक ने जरूरी नहीं समझा : स्‍त्री को नर्क […]

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