संन्यासी ! तेरी हार में ही तेरी जीत है: हंस कर बोली भारती, और शंकराचार्य धड़ाम

: चाँद से काम का रिश्ता विज्ञान नहीं खोज पाया : पूर्णिमा के चाँद को देखते ही उन मुग्धाओं की जांघ में मीठा मीठा दर्द शुरू हो जाता है जिन पर शुक्र और चंद्र भारी होते हैं : शरद पूर्णिमा के चाँद पर एक अलहदा व्‍याख्‍यान : चंचल भूजी लाल का पूरा : वैज्ञानिक तरकीब […]

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मुक्ति-मार्ग के ज्ञानी अष्‍टावक्र

अष्‍टावक्र बोले: मोक्ष की लालसा में हुआ ध्‍यान-योग भी व्‍यर्थ
विकलांग और कुरूप अष्‍टावक्र ने बदल दी ज्ञान की परिभाषा
सुख-दुख, आशा-निराशा, जीवन-मृत्‍यु को समान भाव से देखो
मोक्ष नहीं, बल्कि मुक्ति का मार्ग ही एकमात्र संमार्ग
गेरूए वस्‍त्र और संन्‍यास के बजाय आत्‍मा की शुद्धि जरूरी

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