तुमने मेरी जिन्दगी को एक मानी दिया, नहीं तो क्या था इसमें

: फ़ारुख शेख को लखनऊ आज भी याद करता है : देख लो आज हमको जी भरके :  डॉ योगेश प्रवीन और प्रो शशि शर्मा  लखनऊ व नई दिल्‍ली : कल फारूख शेख की पुण्‍यतिथि थी। फारूख यानी एक दिग्‍गज शख्सियत। केवल फिल्‍म ही नहीं, बल्कि अपने यार-दोस्‍तों और समाज के लिए भी एक बेहतरीन […]

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बहादुरी पर ग्रहण लगा देता है बुढ़ापा, जैसे महिला आश्रम में रहने वाली उमा

: आश्रम में रहने को हम स्टिग्मा समझते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। : गुस्से में वह उस लड़के के घर पहुँचीं और उसका गिरेबान पकड़ कर पूछा, शादी करोगे मुझसे? : फिर भी, उम्र बढ़ने के साथ कई तरह के डर, चिंताएँ और फ़ोबिया हो जाते हैं :  शशि शर्मा नई दिल्‍ली : आज मैं […]

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