इस संपेरे ने नाग-राज को पत्‍नी वाले वाम-अंग पर फिट कर डाला

: आइये सावन में भींजिए,हचक कर अंदरसा खाइये और दूध चांपिये, फुंफकार मारिये, मौका मिले तो डंस भी लीजिएगा : सहअस्तित्व के समभाव की सख्त अनिवार्य आवश्यकता : अन्‍यथा सर्वनाशी घमंड का जन्म होगा, जहां सोहर नहीं, मृत्यु का शोक गीत गढ़ता है :  कुमार सौवीर लखनऊ : यह जो संपेरे होते हैं न, एक नम्बर […]

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शेषनाग-स्‍वामी महादेव के गले में लिपट कर शर्माता हुआ नाग देखिये, नागपंचमी मुबारक हो

: शिव की प्रतिमा पर खूब फुंफकारता है नाग, लेकिन जीवन्‍त शिव से शरमा गया : बहुत टहोका, लेकिन टस से मस नहीं हुआ वह नाग : बोला कि, “मालिक, आप ही तो मालिक हो, मैं तो आपका सेवक हूं” : बोला:- “हुकुम कीजिए भगवन! किसे डंसना है?” मैंने जवाब दिया:- “मूर्ख। तू अब विश्राम […]

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