इंसाफ कहां है साहब, बेटे के साथ मुझे नंगा करके पीटा था पुलिस ने

: मुझे तो अब न सरकार पर यकीन है, न पुलिस और न अदालत पर : इतनी नृशंसता कर पाना किसी एक व्‍यक्ति की वश की बात नहीं : पूरा मोहनलालगंज जानता है कि किन-किन लोगों ने की थी उस युवती की हत्‍या : एक दुबला-पतला गार्ड कैसे कर सकता है एक बलिष्‍ठ युवती की […]

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आप भले निश्चिंत रहें, पर महिलाओं की सिसकियां मुझे दहला देती हैं

: महिलाओं के प्रति अपराधों पर सतर्कता के सरकारी दावे क्‍या वाकई पाखण्‍ड हैं : संवेदनहीन और बेईमान नौकरशाही कभी लखनऊ में चीरहरण करती है, तो कभी जौनपुर में : पिछले चार बरसों में तो जुल्‍फी प्रशासन का नाम खासा अहंकार का प्रतीक बन गया : दोस्‍तों, अब बहुत हो चुका। चलिए, छेड़ दिया जाए […]

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