दर्जनों लुटेरे डॉक्टरों को जूता से हड़काया, सब भाग निकले

: रवीश कुमार, द वीक, द वायर समेत सभी जगह पर अब मैं छाया हुआ हूँ, अच्छा लग रहा है : कप्पन की जमानत पर सभी ने मुझे सिर-माथे पर बिठाया : पत्रकारिता साधना है, सतत अभ्यास जरूरी : शुक्रिया दोस्त ! पत्रकारिता ने देश-विदेश में मेरा डंका बजा दिया :

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ओए संपादक ! अरे यह कौये क्‍या होता है रे ?

: नासा से संज्ञा को क्रिया में तब्‍दील करने की शिक्षा लेकर आये हैं बिड़ला वाले हिन्‍दुस्‍तान के लपड़झंडू पत्रकार लोग : कबाड़ी का धंधा छोड़ कर हिन्‍दुस्‍तान में घुसे इन लोगों को कौआ और कौये का फर्क तक नहीं : बेशर्मी के साथ पाठकों के सामने परोस डाला बिजली पर कौये की करतूत : […]

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महान संपादकों ने निहाल किया, तो ओछे और छिछोरे भी मिले

: विनोद शुक्‍ला, घनश्‍याम पंकज, शशि शेखर और विश्‍वेश्‍वर कुमार जैसे घटिया संपादक भी मिले : मृणाल पांडेय, डॉ त्रिखा, मंगलेश डबराल, वीरेन डंगवाल, तडि़त कुमार, आनंद स्‍वरूप वर्मा, कमर वहीद नकवी, शेखर त्रिपाठी, अंशुमान त्रिपाठी और संतोष तिवारी ने मुझे नयी ऊंचाइयां दीं : कुमार सौवीर लखनऊ : कई दिग्‍गज और महान पत्रकारों से […]

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मृणाल पाण्‍डेय न होतीं तो ढह जाती पत्रकारिता

: दायित्‍व-पत्रकारिता की इमारत में लसोढा हैं मृणाल पाण्‍डेय : ललई यादव ने पूरी गुंडई के साथ दो पत्रकारों का कैमरा पैरों से तोड़ा : निजी नहीं, पत्रकारिता के कुनबे को जोड़ने की अद्भुत शैली बनायी तडि़त कुमार और आनंदस्‍वरूप वर्मा ने : कुमार सौवीर लखनऊ : पत्रकारिता में अगर मैंने सबसे बेमिसाल अट्टालिका की […]

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खबर का शाहंशाह शेखर त्रिपाठी, अब ऐसा संपादक कहां

: अपने प्रमुख संवाददाता को खलिहान में जुटाया, और स्‍वयंसहायता समूह की असलियतों को जमीनी खोजने का अभियान छेड़ दिया था इस सम्‍पादक ने : बुनकर से लेकर कृषि-संस्‍थानों तक पर जमकर खंगाला शेखर त्रिपाठी ने :  सत्‍येंद्र पीएस नई दिल्‍ली : हिंदुस्तान टाइम्स के प्रभारी प्रभु राजदान से मेरी अच्छी मित्रता थी। मित्रता क्या, […]

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