के अरे रामा, चिहुंकी उठी राधारानी, मरद है के नारी, ए हारी
: सावन के झोंके वियोग के थपेड़े मारते हैं या फिर वियोग को धोने के लिए बौछारें : मालिनी अवस्थी से पूछूंगा कि, हे देवि। श्रावण-मास का अभिप्राय क्या है? : उन्मत्त वियोगिनियों का अमृतहर्ष-युक्त मास है यह सावन, तो फिर विह्वल युवक क्या करते होंगे : कुमार सौवीर लखनऊ : बारिश में मौसम की […]
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