अमीनाबाद के रानीगंज में थी लसोढ़ा वाली गली

: पतंग के चलते हर घर में झंझट, भाईचारा जैसा माहौल कहीं था ही नहीं : न्‍यू क्रियेटिविटी, आवश्‍यकता ही नूतनता का जननी : गोंदनुमा लसलसा और चिपचिपापन लसोढ़ा ही हम मुफलिस पतंग-भिखारियों का आखिरी सहारा था, जैसे अजमेर-शरीफ की मजार : कुमार सौवीर लखनऊ : हुसैनगंज में हमारा एक दोस्‍त हुआ करता था पप्‍पू, […]

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पुत्री-वत युवती से इश्‍क लड़ा बैठे संपादक, थूथुन लटक गया

: न घर के रहे, न दफ्तर के, कामधाम दक्खिन : सिर्फ सिसकियां-सुबकियां भरते हैं, फूले गुब्‍बारे जैसे थे, अब चियां सा लटक गया मुंह : युवती के बाप की उम्र जितनी है चण्‍डूल सम्‍पादक जी की : कुमार सौवीर लखनऊ : इश्‍क एक दिलचस्‍प शै है। कुदरत ने इंसान की फितरत में अपलोड कर […]

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