तोड़ लसोढ़ा, गोंद निकाल। मूंछ बना ले तुर्रेदार

: मूंछ में ऐंठनदार अंदाज मर्दानगी का प्रमाण बना रहा : लाखों बरसों तक प्रकृति व मानव-जीवन ऋणी रहा गूलर, उसी की कृपा से हैं कुएं : लाखों बरस तक रसोई में सब्‍जी के बर्तनों में कमाल करता रहा गूलर का गुच्‍छा : मूंछ को मरोड़ कर बिच्‍छू की पूंछ की तरह आक्रामक और विषैला […]

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चिड़िया नवरात्र नहीं मनातीं। वे समझदार होती हैं

: वे घूंघट या बुरका नहीं पहनतीं, छोटी सी छत पर तेजी से ठुमुक-ठुमुक कर अठखेलियां करती रहती हैं : उन्‍हें अल्‍ट्रा-साउंड सेंटर जाकर भ्रूण-लिंग परीक्षण कराने की जरूरत ही नहीं पड़ती : अपनी शोखियों को वे आंखों से ज्यादा, अपनी चोंच से प्रकट करती रहती हैं : उनका हर कदम नया खेल और नई […]

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