मर्द की औकात तो उसके घर की नेमप्‍लेट तक है। उसके बाहर …

: आप कभी मिले हैं अमृतलाल नागर जी से ? आइये, उनसे मिलिए : प्रो अरुण कुमार सिंह को सब कुछ मुंहजुबानी याद है, जैसे नागर जी : मेधा के साथ याददाश्‍त का बेमिसाल मिश्रण हैं प्रो सिंह : गृह-लक्ष्‍मी का नाम लिखने तक में हेठी समझते हैं अधिकांश पुरुष : नागर जी को भांग […]

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इस हिंदीभाषी को बंगला पिक्चर में क्यों लाये हो

: मैंने बहुत नजदीकी से बंगालियों के ऐसे रवैये को देखा-समझा : लेकिन जैसे ही उन्‍हें पता चला कि मैं बंगाली नहीं हूं, उनकी शक्‍ल ही बदल गयी : अशित चक्रवर्ती सुना रहे हैं इलाहाबाद पॉलीटेक्निक से जुड़ी कुछ दिलचस्‍प यादें : ( सामान्‍य तौर पर पाया यही जाता है कि बंगाली लोग अपने आप […]

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