मुझे तो खूब ठोंकते रहे हैं पत्रकार: अंबिका सोनी

टंच-माल का मतलब सुनार समझते होंगे, जनता नहीं : वेश्या, रांड और भेल का मतलब इनके इलाकों में बताइये : आखिर कब सुनारी पर पीएचडी कर चुके हैं बड़बोले बकवादी दिग्गी राजा : दरअसल नेताओं ने ही जनता को अपना टंच-माल समझ लिया है : कुमार सौवीर ( दूसरी और अंतिम किश्त ) तो आइये […]

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टंच-माल बनाम भेल, जिसका मतलब है गुदा

समझीं आप मीनाक्षीजी और दिग्गी राजा ? : बेशर्म राजनीति के अग्रदूत बनते जा रहे हैं दिग्विजय सिंह : मंदसौर की भीड़ सुनारों की नहीं, आम जनता की थी : आजम खान भी अपनी सहयोगी जयाप्रदा को बाद में नचनिया बताते घूम चुके हैं : कुमार सौवीर ( पहला अंक ) एक सौ का टंच-माल। […]

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