सीतापुर-कांड में एसओ समेत पांच पुलिसकर्मी निलम्बित

सैड सांग

मेरी‍ बिटिया डॉट कॉम ने किया था इस हादसे का खुलासा
विधवा को नंगा कर पीटने पर प्रशासन कार्रवाई को मजबूर
अस्पताल में भर्ती महिला के बदन पर चोट से दहले लोग
डीएम और कप्तान मलहम लगाने पहुंचे जिला अस्पमताल
थाने पर हुई शर्मनाक घटना को छिपाने की कोशिश नाकाम
एसडीएम तो गांव तक पहुंचे थे प्रताडित महिला को मनाने
सीतापुर में खाकी वर्दी के कहर से जनमानस आतंकित
लखनऊ की पुलिस ब्रीफिंग में शासन ने भी दबाया मामला
सीतापुर की बेलगाम पुलिस द्वारा एक दलित बेवा को थाने पर रात भर नंगा कर हुई पिटाई की नृशंस घटना को छिपा पाने में नाकाम प्रशासन ने आखिरकार इस मामले में जिम्‍मेदार एक दारोगा समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर उनके खिलाफ आपराधिक मामलों में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस कप्ता न पीयूष मोर्डिया ने मामले की जांच के भी आदेश दे दिये गये हैं। लेकिन इस शर्मनाक घटना के दोषी किसी भी पुलिसकर्मी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। पता चला है कि निलम्बित पुलिसवाले अब मामले को रफा-दफा करने के लिए लोगों को धमकाने की कोशिशों में जुटे हैं।
तीन दिन पुरानी और रोंगटे खडे कर देने वाली इस जघन्य  वारदात को छिपाने के लिए प्रशासन ने जमीन आसमान एक कर दिया, दो दिनों तक तो प्रशासन के आला अफसर चुप्पीन ही साधे बैठे रहे थे। बाद में मामला तूल पकडता देख कर लीपापोती के लिए एसडीएम इंद्रमणि त्रिपाठी को मौके पर भेजा गया, लेकिन उनकी भी गुहार न तो प्रत्य क्षदर्शियों ने सुनी और न ही प्रताडित विधवा छोटी की कराहों से ही उन्हेंर कोई सफलता मिल पायी। सीतापुर नगर पालिका में सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात छोटी फिलहाल जिला अस्पयताल में भर्ती है, जहां उसकी हालत गंभीर बतायी जाती है।
मेरी बिटिया डॉट कॉम पर इस रोंगटे खडे कर देने वाली पुलिस की अमानवीय कार्रवाई की खबर प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुआ और रविवार की दोपहर दो बजे जिलाधिकारी संजय कुमार, कप्ता न पीयूष मोर्डिया समेत कई वरिष्ठं अधिकारी जिला अस्पिताल पहुंचे और वहां भर्ती विधवा के स्वारस्य्मो  का जायजा लिया। महिला के शरीर पर जख्मों के निशान उसके साथ हुये पुलिसिया जुल्मों की कहानी बयां कर रहे थे।
शरीर पर चोटों के गहरे नीले और स्याह निशान लिए दर्द से कराह रही बाल्मीकि समाज की विधवा महिला छोटी के रिश्ते में भतीजे लगने वाले सोनू नाम किशोर पर थाना खैराबाद इलाके मे एक लडकी भगा ले जाने का आरोप था। जबकि छोटी सीतापुर शहर के सिविल लाइंस से सटी मलिन बस्ती  में रहती है। बहरहाल, तफतीश के दौरान 19-20 मई की रात खैराबाद थाने के पुलिसवालों ने सीतापुर शहर की बाल्मीकि कालोनी निवासी छोटी के घर पर दबिश दी और पूछताछ के बाद इसे जीप में डाल लिया। यहीं से शुरू हुआ उस पर पुलिसिया जुल्म का सिलसिला। पुलिस वालों ने छोटी के साथ किस तरह का बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया, इसका खुलासा आज खुद छोटी ने अस्पसताल पहुंचे आला अफसरों और पत्रकारों के सामने किया।
इस धरपकड के दौरान पुलिस टीम के साथ न तो कोई महिला सिपाही थी और न ही महिला दरोगा। पुलिस के मुस्टंमड हैवानों ने छोटी को पकडने के साथ ही उस पर लाठियां बरसाना शुरू कर दिया। और फिर बर्बरता की सारी हदें पार करने के बाद ही उनका गुस्सा थमा। इस दौरान छोटी को खैराबाद थाने में पूरी तरह नंगा कर पीटा गया। इस पूरी घटना को लेकर ना्गरिकों में पुलिस के खिलाफ गहरा आक्रोश है लेकिन पूरी घटना पर आला अफसरों की चुप्पी तो बेहद चौकाने वाली है।
राज्य सरकार की प्रथिमिकता के दावों में तो दलित के उत्पीडन को रोक कर उन्हें ज्यादा से ज्यादा सुविधा मुहैया कराकर समाज की मुख्य धारा लाना है, लेकिन सीतापुर में पुलिस की इस बर्बरतापूर्ण कार्रवाई ने तो प्रशासन के साथ ही सरकारी दावों तक की कलई उधेड कर रख दी। कप्ताधन के आदेश पर खैराबाद थानाध्यपक्ष समेत पांच पुलिसवालों को निलम्बित कर उनके खिलाफ आपराधिक धाराओं में मुकदमा तो दर्ज कर लिया गया है लेकिन उनकी गिरफ्तारी अब तक नहीं की गयी है। इस बारे में पुलिस कप्ता्न का तर्क है कि अगली कार्रवाई जांच के बाद ही की जाएगी। इससे तो यह शक भी गहराने लगा है कि कहीं जांच के नाम पर इस मामले को कहीं ठण्डे  बस्ते में ही न डाल दिया जाए।

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