शुभ्रा सक्‍सेना: ब्‍यूरोक्रेटिक एटीच्‍यूट है, राजनीति के साथ

बिटिया खबर

: मैं पॉलिटिकल या कंट्रोवर्सी वाले झंझटों में नहीं पड़ना चाहती : जिन्‍दा फूंकने की घटना पर शाहजहांपुर के जांबाज पत्रकार जागेंद्र के यहां सांत्‍वना तक देने नहीं गयी थीं कलक्‍टर साहिबा : घर से ऑफिस, और फिर ऑफिस से घर। नो जनता दर्शन : देवी-जागरण- चार :

कुमार सौवीर

बुलन्‍दशहर : शुभ्रा सक्‍सेना ने कई जिलों की प्रशासनिक बागडोर सम्‍भाली है। लेकिन कभी भी उनका नाम किसी खास विशेषज्ञता के खाते में नहीं जुड़ पाया। शुभ्रा को जानने वाले लोग बताते हैं कि शुभ्रा अब तक केवल औसत प्रशासनिक अफसर की छवि से ऊपर नहीं बढ़ पायी हैं। लकीर की फकीर वाली उपलब्धि ही रही है उनके बारे में। लेकिन उससे ठीक दूसरी ओर वे कभी भी किसी बड़े विवाद तक भी नहीं जुड़ीं।

उनके बारे में जानने वालों का कहना है कि शुभ्रा सक्‍सेना की शैली कॉलोनियन-सिस्‍टम पर वाली ही होती है, जो सत्‍ता केंद्र के इशारे को समझता है और उस सत्‍ता के स्‍थानीय प्रतिनिधियों के साथ तालमेल बनाये रखता है। राज्‍य सरकार अथवा सत्‍ता पर प्रभावी हो सकने वाले किसी भी शख्‍स को तरजीह देना उन्‍हें अपनी ड्यूटी का अहम हिस्‍सा समझता है, भले ही वह कोई पत्रकार ही क्‍यों न हो। आम आदमी के साथ कोई भी खास तालमेल ऐसे लोगों में नहीं होता, और न ही उन्‍हें इसकी कोई खास जरूरत भी महसूस होती है।

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बड़ा बाबू

खासतौर पर बुलन्‍दशहर को लेकर शुभ्रा सक्‍सेना की कार्यशैली को देखा-समझा जाए तो साफ शब्‍दों में केवल यही कहा जा सकता है कि शुभ्रा सक्‍सेना केवल खांटी परम्‍परागत शैली की प्रशासनिक अफसर ही बन कर सिमटी रही। विवादों से दूर रहने की कोशिशों में, बेदाग रहने की रणनीति के तहत। परम्‍परागत प्रशासनिक अधिकारी वाली ठेठ शैली में अपने बंगले और दफ्तर तक ही सीमित रही, जिसका मकसद केवल इतना ही रहा कि ड्यूटी बस बजती ही रहे, और किन्‍हीं विवादों के छींटे भी दामन पर नहीं पड़ सकें।

शुभ्रा सक्‍सेना ने कभी भी आम आदमी के साथ जुड़ने जैसा कोई भी काम नहीं किया। वे केवल ब्‍यूरोक्रेटिक एटीच्‍यूट तक ही बंधी रहीं, उन्‍हें जानने वालों का कहना है कि शुभ्रा सक्‍सेना इस संदर्भ में अपनी आंखों पर पर्दा डाले रखती हैं। कलेक्‍टर के अपने सरकारी घर यानी कैम्‍प-ऑफिस में लगने वाले जनता दरबार की परम्‍परा को लेकर न तो कोई औचित्‍य समझती हैं, और न ही यह उनकी प्राथमिकता-औपचारिकता में शामिल रहता है। जिलाधिकारी के तौर पर शुभ्रा सक्‍सेना का पूरा कार्यकाल हमेशा सेट रहा। घर से ऑफिस, और फिर ऑफिस से घर। दफ्तर में कामधाम, जबकि घर में कैम्‍प आफिस और सिर्फ घर। उन्‍हें अपने परिवार को समय देना आता है।

हरदोई में अपने कार्यकाल में शुभ्रा सक्‍सेना ने एक नया सॉफ्टवेयर बनाने का दावा किया, और बताया कि इससे प्रशासनिक कामकाज बेहतर होगा। इसका नाम था साक्षी। लेकिन एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया है कि यह प्रोजेक्‍टर शुभ्रा सक्‍सेना की फाइलों में ही कहीं दबा हुआ है।शुभ्रा सक्‍सेना का मीडिया के प्रति लगाव जगजाहिर है।

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नवरात्रि

लेकिन शुभ्रा सक्‍सेना पर कभी भी कोई आर्थिक या अराजकता सम्‍बन्‍धी आरोप नहीं लगे। सिवाय तब के, जब वे शाहजहांपुर में तैनात थीं, और उसी बीच एक जांबाज पत्रकार जागेंद्र सिंह को वहां के कोतवाल श्रीप्रकाश राय ने अपने पुलिस दल के साथ घेरा था और उस पर केरोसिन डाल कर जिन्‍दा फूंक दिया था। जागेंद्र सिंह ने अपने मृत्‍यु-बयान में साफ-साफ आरोप लगाया था कि उसे अखिलेश सरकार के एक दिग्‍गज मंत्री राममूर्ति वर्मा के इशारे पर पुलिस ने जिन्‍दा फूंका है। उस दौरान जब शुभ्रा सक्‍सेना को जागेंद्र सिंह के घर जा कर मृतक के परिजनों को सांत्‍वना देने की जरूरत बतायी गयी थी, तो शुभ्रा ने साफ तौर पर मना कर दिया था कि:- मैं पॉलिटिकल या कंट्रोवर्सी वाले झंझटों में नहीं पड़ना चाहती।

लेकिन जागेंद्र सिंह को जिन्‍दा फूंक डालने वाले हादसे में लखनऊ के एक दलाल पत्रकार ने शाहजहांपुर के एक पत्रकार को पूरा हत्‍याकांड दबा डालने की कोशिश थी, उसमें उस पत्रकार ने साफ शब्‍दों में कहा था कि इस मामले में मैंने डीएम को कह दिया है और तुम भी डीएम से इस बारे में मेरा संदर्भ लेकर बात कर लेना। वह पूरा मामला दुरूस्‍त हो जाएगा। इस फोन से इतना तो साफ ही हो गया था कि उस मामले में तब की डीएम शुभ्रा सक्‍सेना एक दलाल पत्रकार तक से ऐसे हादसे में वार्तालाप से सम्‍बद्ध थीं। (क्रमश:)

कहने की जरूरत नहीं कि अब हम नवरात्रि पूजन के करीब आते जा रहे हैं। ऐसे में हमारा दायित्‍व बनता है कि समाज में ऐसी विभिन्‍न छवियों वाली देवियों का भी आप के सामने साक्षात्‍कार करा दिया जाए। तो आइये, हम आपको कराते हैं ऐसी देवियों से भेंट।

लेकिन सबसे पहले तो बुलन्‍दशहर में तैनात रह चुकीं इन तीनों देवियों से आपकी मुलाकात करा दें हम। वन बाई वन। इनसे जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए आप निम्‍न लिंक को क्लिक करें:-

नमस्‍तस्‍यै नमो नम:

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