माना कि आप भाजपा के दिग्‍गज नेता हैं, इसलिए निरीह महिलाओं केे हक-हुकूक पर डाका डालेंगे?

बिटिया खबर

: भाजपा के दिग्‍गज ओमप्रकाश सिंह के परिवार ने तबाह कर दिया एक विधवा का आशियाना : सरदार पटेल डेंटल कालेज की सम्‍पत्तियों अदालत की पहल, महिला को हक दिलाने का आदेश : अरबों की सम्‍पत्ति पर कुण्‍डली मार बैठे हैं पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह : सरदार पटेल डेंटल कालेज को चबा डाला बड़े भाजपा नेता ने (एक) :

कुमार सौवीर

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही महिलाओं की सुरक्षा और उनके हक-हुकूक पर गम्‍भीर बातचीत शुरू की है। अब यह पहल कितनी मजबूत अंजाम तक पहुंचेगी, इसका परिणाम में भविष्‍य के गर्भ में है, लेकिन फिलहाल जो हालात हैं, उनसे यह साबित हो चुका है कि भाजपा के कई दिग्‍गज नेता निरीह, विधवा और बेसहारा महिलाओं के हक-हुकूक पर डाका डाल रहे हैं। कम से कम लखनऊ के एक बड़े शिक्षा संस्‍थान में एक बड़े नेता और उसके परिवार ने एक ऐसी महिला के सारे अधिकार हड़प लिये, जो उसे उसके पति से मिले हुए थे। सूत्र बताते हैं कि इस सम्‍पत्ति की कीमत अरबों रूपयों की है।

आइये, हम आपको दिखाते हैं कि भाजपा के बड़े नेताओं ने अपनी करतूतों से क्‍या-क्‍या किया है और जिसका सीधा असर भाजपा और उसकी नीतियों पर पड़ा। हैरत  की बात है कि इन नेताओं ने सबसे पहला डाका तो महिलाओं के अधिकारों पर किया या फिर उनकी अस्‍मत-इज्‍जत पर। दयाशंकर सिंह ने तो खैर मायावती के चरित्र पर घिनौना आरोप लगाया था, लेकिन भाजपा में दयाशंकर सिंह केवल अकेले ही जमूरा-नुमा अपराधी नहीं हैं। ऐसे लोगों की फेहरिस्‍त बहुत लम्‍बी है। इस मामले पर सिलसिलेवार खबरें छापने का अभियान छेड़ने जा रही है।

तो इस श्रंखला की सबसे पहली कड़ी में एक महिला के शिक्षा-संस्‍थान को हड़पने की कहानी सुनिये। इस धोखाधड़ी की कहानी के मुख्‍य अभियुक्‍त से परिचय कर लीजिए। इनका नाम है अनुराग सिंह। मिर्जापुर के चुनाव के एक बड़े नेता है ओमप्रकाश सिंह। कल्‍याण सिंह सरकार में पहले दर्जे की हैसियत थी सिंचाई मंत्री रहे ओमप्रकाश सिंह की। अनुराग सिंह इन्‍हीं ओमप्रकाश सिंह के बेटे हैं। अनुराग  सिंह इसके पहले मिर्जापुर की लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव हार चुके हैं। कुख्‍यात डकैत ददुआ का नाम तो आपने सुना ही होगा, उसके खानदान के ही बालकुमार पटेल ने अनुराग को तीसरे स्‍थान पर पटका था।

वैसे भी ओमप्रकाश सिंह की राजनीति कभी भी मिर्जापुर से आगे नहीं खिसक पायी है। वे चुनार से विधानसभा के कई चुनाव लड़ जीत-हार चुके हैं। उनका उरूज तब ज्‍यादा उचका था, जब तब के मुख्‍यमंत्री रहे कल्‍याण्‍ा सिंह ने उन्‍हें पूर्वांचल और खास कर मिर्जापुर की राजनीति में अपने विरोधियों को धूल चटाने की साजिशों के चलते ओमप्रकाश सिंह को बढ़ावा दिया था, ताकि वे अपने विरोधियों को औकात में रख सकें।

आपको बता दें कि मिर्जापुर में भारतीय जनता पार्टी के दो दिग्‍गज नेता उस समय ओमप्रकाश से कमतर ही माने जाते थे। एक तो उस दौर में यूपी के शिक्षा मंत्री रहे और आज देश के गृह मंत्री रहे राजनाथ सिंह और तब पीडब्‍ल्‍यूडी व वन विभाग के मंत्री रहे सरदार डॉक्‍टर सरजीत सिंह डंग। एक ही जिले के तीन लोगों को अहम विभाग थमा कर कल्‍याण ने आेमप्रकाश को खासी तरजीह देने की रणनीति बनायी थी। ओमप्रकाश सिंह को सिंचाई जैसा अहम विभाग दिया गया था।(क्रमश:)

इस श्रंखला की अगली कडि़यों को पढ़ने के लिए निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:- निरीह महिलाओं का हक हड़प लेंगे दिग्‍गज भाजपाई

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *