सुब्रत राय का नया राग: ‘Think With Me’, to go to the jail

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: हा हा हा, दुनिया का सबसे बड़ा आर्थिक अपराधी अब भारत को आदर्श राष्‍ट्र बनाने की डींग मारने में जुटा : ठीक यही नारा नटवर लाल और चार्ल्‍स शोभराज ने भी उछाला था अपनी रिहाई के लिए : अब तक 36 हजार करोड़ से ज्‍यादा की लै-मारी के अपराधी सुब्रत राय अब किताब बेचेगा :

कुमार सौवीर

लखनऊ : इसकी टोपी उसके सिर वाले नारे के बल पर 36 हजार करोड़ रूपयों की देनदारी से मुकर चुकने के फलस्‍वरूप दो साल तक तिहाड़ जेल में चक्‍की पीसने में  मशहूर सुब्रत राय ने अपनी धोखाधड़ी वाले भवसागर को पार करने के लिए अब आल इंडिया मजलिस ए इत्‍तेहादुल मुसलमीन के अध्‍यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और लोकदल के वारिस जयंत चौधरी जैसे दगे कारतूसों की बैसाखी का सहारा लिया है। नारा लिया है कि सुब्रत राय अब भारत को एक नये राष्‍ट्र के तौर पर पेश करेंगे। इसकी रूपरेखा भी सुब्रत राय ने खींच लिया है, जिसका पूरा तस्‍करा सुब्रत की नयी किताब में दर्ज बताया जाता है। किताब का नाम है थिंक विद मी।

आपको बता दें कि सुब्रत की धोखाधड़ी के चलते देश के लाखों के निवेशकों की ओर से सेबी ने जब मामला सर्वोच्‍च न्‍यायालय तक पहुंचा, तो कोर्ट की नोटिस के बावजूद सुब्रत राय ने उसकी अवहेलना और अवमानना कर दी। सेबी की शिकायत में अदालत ने माना कि सुब्रत राय ने फर्जी आधारों पर अरबों-खरबों रूपयों की धोखाधड़ी की और नोटिस जारी करने के बावजूद सरकारी एजेंसियों को धमकाता ही रहा। नतीजा यह हुआ कि कोर्ट ने सुब्रत को आदेश दिया कि वे सुब्रत को कैसे भी हो, गिरफ्तार कर अदालत में पेश करे।

अब बाकी खबर तो आप सब को पता ही है कि कैसे अदालत में जाने के वक्‍त स्‍याही फेंक कर सुब्रत का चेहरा काला कर दिया गया था। और उसके बाद अदालत ने निवेशकों का पैसा जमा नहीं करने पर नाराजगी व्‍यक्‍त करते हुए उसे तिहाड़ जेल भेज दिया था। जहां करीब दो बरसों तक सुब्रत राय छट्टर-पट्टर करता रहा। लेकिन बाद में अपनी मां की मृत्‍यु की अन्‍त्‍येष्टि के लिए अदालत ने उसे दया याचिका के तौर पर उसे 15 दिनों के लिए पैरोल पर रिहा किया। लेकिन इसके बाद भी तिकड़मों ने असर दिखाया और प्रतिमास दो सौ करोड़ रूपयों की अदायगी की शर्त पर सुब्रत राय फिलहाल जेल जाने से बचा हुआ है।

लेकिन उसके बाद की कहानी तो और भी ज्‍यादा दारूण और करूणा-जनक रही। जेल जाते ही सुब्रत राय की असली पोल-पट्टी खुल कर सार्वजनिक हो गयी। पता चला कि सहारा के कर्मचारियों को कई-कई महीनों तक वेतन तक नहीं मिला है। नतीजा नाराज कर्मचारियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। एक ओर तो सहारा में लूट का माहौल बन गया, उधर सवा साल तक वेतन न मिल पाने से बेहाल कर्मचारी मौत की कगार पर पहुंचने लगे। अब तो कर्मचारियों ने सुब्रत राय और बाकी प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन तक छेड़ दिया है।

बहरहाल, अब अपनी नौटंकियों के नये अंक के तहत सुब्रत राय ने एक नया शिगूफा छेड़ दिया है। निवेशकों के फंसे अरबों-खरबों करोड़ों की अदायगी करने का सारा आइडिया सिरे से ही ठुकरा चुका सुब्रत राय अब वह किताब लिख रहा है। किताब का नाम है थिंक विद मी।

जिस भी शख्‍स को सुब्रत राय की इस नयी किताब के चोंचले पढ़ने हों तो आप सीधे गुलाम जीशान से सम्‍पर्क कीजिएगा। गुलाम का पता है कारपोरेट कम्‍युनिकेशंस, सहारा इंडिया परिवार, कपूरथला, लखनऊ। गुलाम का फोन नम्‍बर है 9792982666 और  05222724545 है। ईमेल का पता है ghulam.zeeshan@gmail.com

सुब्रत राय के कर्म-कुकर्मों को जानने-समझने के लिए निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:-

सुब्रत राय

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