दीपा बार का कुख्यात मालिक चला रहा है न्‍यूज चैनल

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

एसपी सिंह की बरसी में पत्रकारिता की तेरहवीं

: पत्रकारिता में गर्म-गोश्त के दलालों का चेहरा नोंचा नकवी ने : पत्रकारिता में संघर्ष-योगदान के लिए सम्मानित सुधाकर शेट्टी चलाता था दीपा बार : अब न्यूज चैनल में वाइस प्रेसीडेंट है शेट्टी :

कुमार सौवीर

( एसपी सिंह और सुधाकर शेट्टी। एक महानतम पत्रकार और दूसरा निकृष्टतम दलाल। मगर इन दोनों नामों को एकसाथ जुगलबंदी कराने में दलाली में जुटे पत्रकारों की जमात ने अपनी पेशानी पर तनिक भी बेशर्मी की रेखा नहीं खींची। मौका था नई दिल्ली में एसपी सिंह स्मारक पत्रकारिता परिचर्चा। दूर-दूर से लोग इस सेमीनार को सुनने देखने पहुंच गये थे। लेकिन मुम्बई की कुख्यात दीपा-बार के संचालिक सुधाकर शेट्टी को दिल्ली में बृहस्पतिवार को पत्रकारिता में अप्रतिम योगदान देने और पत्रकारों के हितों को लेकर शीर्षस्थ संघर्षशील शख्सियत के तौर पर जब सुधाकर शेट्टी के नाम का ऐलान किया गया तो वहां मौजूद लोगों के दिल धक्क से रह गये।

मगर वहां मौजूद वरिष्ठ पत्रकार कमर वहीद नकवी आखिर कैसे बिना बोले रहते। सो, सबसे फेसबुक पर अपना दुख व्यक्त कर दिया। आप भी देखिये कि एसपी सिंह के वंशज आखिर क्या कर रहे हैं। )

 

Qamar Waheed Naqvi : एस. पी. सिंह की बरसी पर आज मीडियाख़बर.काम द्वारा आयोजित सेमिनार में जाना हुआ.

मीडिया की मौजूदा दयनीय स्थिति और पत्रकारीय मूल्यों के ‘घोर पतन’ पर गरमागरम बहस हुई. सम्पादकों को इस पतन के लिए ख़ूब लतियाया गया. इसके बाद कुछ लोगों को उनके संघर्ष/ योगदान के लिए ‘सम्मानित’ भी किया गया.

सेमिनार की समाप्ति के बाद संयोग से मेरी बातचीत उनमें से एक सज्जन से हुई, जिन्हें ‘सम्मानित’ किया गया था. वह किसी शीघ्र लाँच हो रहे चैनल में वाइस-प्रेसीडेंट बने हैं. पूछने पर पता चला कि उनके चैनल के मालिक का नाम सुधाकर शेट्टी है.

आपकी याद्दाश्त को ताज़ा कर दें कि सुधाकर शेट्टी किसी ज़माने में मुम्बई का कुख्यात दीपा बार चलाता था, जिसकी करोड़पति बार बाला तरन्नुम के उन दिनों बड़े चर्चे हुआ करते थे और वह क्रिकेट सट्टेबाज़ी के मामले में गिरफ़्तार भी हुई थी. सट्टेबाज़ी के इस मामले के अलावा मुम्बई के अंडरवर्ल्ड समेत कई संदिग्ध कारनामों में सुधाकर शेट्टी का नाम आता रहा है.

भाई, मीडिया के नैतिक पतन पर आँसू भी बहाओगे और ऐसे संदिग्ध नामवाले व्यक्तियों से जुड़े लोगों का सम्मान भी करोगे? दीपा बार के पूर्व संचालक के न्यूज़ चैनल से आपको किन नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना की उम्मीद है? पता नहीं क्या मजबूरी थी, लेकिन नैतिकता की दुहाई देनेवालों के इस दोहरेपन से बहुत हैरान हूँ. सुधाकर शेट्टी व उसके न्यूज़ चैनल पर इंडियन एक्सप्रेस की 28 अप्रैल 2013 की यह रिपोर्ट विस्तार से जानकारी देती है:

Khalid Gauri : Sab bikau hai

Abhishek Anand : बहुत सही सवाल है सर, लेकिन जैसा कि आज के सेमिनार में भी आपलोगों ने माना था, सभी मीडिया हाउस के मालिकों का उद्देश्य पत्रकारिता नहीं है.. जो है नामवाला.. वोही तो बदनाम है.

Vivek Sinha : is hamam main nange hai

Harshendra Verdhan : I read this story in detailed manner. It’s nothing new in the industry now. By sitting on the Oder side of table I have actually seen the real picture of all those who claim themselves as stalwarts of d industry..for me sir; now actually there is nothing called News..

रहीसुद्दीन ‘रिहान’ ‘दादा’ : हमाम के नंगों के बारे में आपसे बेहतर किसको पता होगा…आपकी इस पोस्ट के लिये शुक्रिया.

Siddharth Pandya : Chanel bhi baar ki tarah chalega

Raghvendra Dwivedi : नक़वी सर, ये बड़ा और कड़वा सच है..। मुश्किल ये है कि समाज बदलने के ठेकेदार तो सब हैं लेकिन कोई भी अपने गिरेबाँ में झाँकना नहीं चाहता.. और यही मीडिया की सबसे बड़ी त्रासदी है..।

Servius Prime : पहले जठरानल फिर सामाजिक दावानल this is the chronology in which humans put the fire out…if anyone differs he is just maintaining a double standard

Saleem Saifi : Sir,you are More Respected for me,you are man of television & print also,you knows very well about all media bosses including TRP leaders.hum bolenge tau baat dooor tak jaayegi.chalne dijiye jaisa chal raha hai..!

Rahul Tripathi : कड़वा सच ……नकवी सर की स्टाइल में ……

Syed Shahroz Quamar : भाई, मीडिया के नैतिक पतन पर आँसू भी बहाओगे और ऐसे संदिग्ध नामवाले व्यक्तियों से जुड़े लोगों का सम्मान भी करोगे? दीपा बार के पूर्व संचालक के न्यूज़ चैनल से आपको किन नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना की उम्मीद है?

Raghuwansh Kumar Raajwanshi : Sir ,ji ab to kuch kahne ko nahi rah gaya kyon is pavitra kaam men apvitra log kabja jam rahen ise to mai khud nahi sanjh pa raha ,par aap jaise varshth logo ke saamne ye sab ho raha hai ise mai khud nahi samjh pa raha !

Kumar Rahman : आप की बेबाक टिप्पणी के लिए आपको सलाम…

Maaz Malik : India ki akhir lage gi kis tarah se…

Satish Singh Thakur : सर..जहां ख़बरें कारपोरेट और माफिया की चाकरी करती हों…जहां कलम..जी हुजूर…हो जाएगा माईबाप..कहते थकती नहीं..यहां तक कि उसे धन पिशाचों के पैरों तले कारपेट बन बिछना भी गंवारा हो…वहां हैरानी-बैचेनी कैसे टिक सकती है? एक तरफ..चौथे खंबे को स्वान गिरोह…लगातार टांग उठाकर ‘पवित्तर’ कर रहे हैं तो दूसरी तरफ़ अतीत की गलियों से ये गूंज न जाने क्यों बार-बार उठ रही है…कि न खींचो कमानों को न तलवार निकालो…जब तोप मुकाबिल हो तो अख़बार निकालो…

Hemanth Kumar Sharma : भारतीय मीडिया के घटिया स्तर की चर्चा पूरी दुनिया में…आप खुद देख लिए इस विडियो (http://www.youtube.com/watch?v=N2wYyBUB4Wk) में पत्रकार महोदय उतराखण्ड में बा…ढ़ की न्यूज़ कवर करने गए जब एक जगह पानी ज्यादा था और महोदय को कपडे ख़राब होने का डर लगा तो उन्होंने एक बाढ़ पीड़ित के कंधे पर चढ़कर रिपोर्टिंग की.. ये महाशय एक न्यूज़ चैनल “न्यूज़ एक्सप्रेस” के संवादाता श्री नारायण प्रेय्ज्ञान हालाँकि जनाब को अब न्यूज़ चैनल की इज्जत बचाने के लिए निकाल दिया गया हैं अब आप खुद अंदाजा लगा लीजिये की भारतीय मीडिया का स्तर कितना संवेदनहीन हो गया हैं वो पीडितो का मजाक उड़ाने, उनको और परेशान करने जाते हैं और दुनिया के सामने उनकी पीड़ा को लाने व् उनकी मदद करने की नौटंकी करते हैं’.. आज इस विडियो को पूरी दुनिया के न्यूज़ पेपर साईट ने अपनी खबर बनाया और कहा की ये हैं भारतीय मीडिया का स्तर..

Indian TV reporter Narayan Pargaien : Keeps Pants Dry In Flood Siting On Victim’s Shoulders

Indian TV reporter Narayan Pargaien : files report on flood from victim’s shoulder…

Rakesh Kayasth : इस आधार पर तो उनका एक बार और सम्मान बनता है। किसी बार वाले का पैसा पत्रकारिता जैसे पवित्र धंधे में लगवा देना कोई मामूली उपलब्धि नहीं है। ईसा ने भी कहा है– पाप से घृणा करो, पापियों से नहीं।

Sahu Santosh : media ko thekedro aur punjipati apni rakhel smjh rahey hai mujhey dukh hai ki mai in shabdo ka use kar raha hu par sachhai se bhaga nahi jaata

Vivek Bhatnagar : mediawale tarakki kare naa kare, lekin bar wale tarakki ker rahe hain,

Sajid Khan Ndtv : सर ,आप तो देश के इतने बड़े पत्रकार है फिर इस तरह के शब्दों का इस्तिमाल करना वो भी उस पत्रकार के लिए जिस का नाम तक आपने लिखना सही नहीं समझा,शायद कोई बड़ा नाम ही होगा,जिस तरह देश के सभी पत्रकार आप का सम्मान करते है मेरी सोच में वो जो भी होगे आप का भी सम्मान करते ही होगे,रही बात इनाम की तो जो इस काबिल होता है उसे ही इनाम से नवाज़ा जाता है,और ये इनाम चेनल के दम पर नहीं उसकी काबिलियत के दम पर दिया जाता है.,आप को मालिक से जरुर शिकायत हो सकती है मगर उस इंसान से क्या शिकायत है जो मेहनत कर इस मुकाम तक पहुच रहा है,मेरी सोच में आप को उसका का होसला बढ़ाना चाहिए अपना बड़प्पन दिखाना चाहिए,

Dharmendra K Singh : हर बात के पीछे है पैसा….चाहे वो सरकार चलानी हो या फिर मीडिया……हमारे देश में विकास चाहे हर तबके तक नहीं पहुंचा हो लेकिन मूल्यों का घोर पतन बिना किसी भेदभाव और रुकावट के हर बिरादरी, हर तबका में खूब फल फूल रहा है।

Tehseen Munawer : Shayed woh ungli kata ker shahedon men shamil hona chahta ho…sudharne ka aik mouqa diya jaaye

पत्रकार कमर वहीद नकवी की फेसबुक वाल से

सुधाकर शेट्टी से जुड़ी खबरों को अगर आप पढ़ना चाहें तो कृपया क्लिक करें:- गर्मगोश्त का धंधेबाज सुधाकर शेट्टी

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