: 70 लाख की आबादी वाले लखनऊ में दस लोग भी चोर पेट्रोल-पंप मालिकों के सामने नहीं जुटे जो ताल ठोंकते : कम से कम दस फीसदी की घटतौली कर रहे थे यह पम्प-मालिक, अब सीनाजोरी कर हड़ताल पर गये : अब जनता ही तय करे कि व न कायर है, न का-पुरूष, और न ही नपुंसक :
कुमार सौवीर
लखनऊ : यूपी में छह हजार पेट्रोल पंप हैं, जिनमें से करीब 5400 पम्पों पर पेट्रोल और डीजल की भारी चोरी का भण्डाफोड़ यूपी पुलिस की एसटीएफ टीम ने किया। इसमें अब तक तीन दर्जन पम्प-मालिकों व उनके सहयोगियों को पुलिस ने दबोच कर उन्हें जेल भेजा और उनके पम्पों को सीज कर दिया है। एसटीएफ का दावा है कि बांट-माप, तेल कम्पनियों के लोगों से मिली-भगत करके यह पंपवाले बरसों से आम आदमी को भारी चूना लगाते रहे हैं। एसटीएफ के ताजा कार्रवाइयों से साबित हो चुका है कि पम्प-मालिकों के खून में ही है आम आदमी को लूटना। अब जरूरत इस बात की है कि आम आदमी उन चोरों के खिलाफ तत्काल अपनी आवाज उठाये।
बहरहाल ताजा खबर यह है कि तेल-चोरी को लेकर चल रही छापामारी से नाराज होकर लखनऊ के सारे पेट्रोल-पम्प मालिकों ने हड़ताल कर दिया है। सोमवार की रात से शुरू हुई यह हड़ताल अनिश्चितकालीन बतायी जाती है, और धमकी दी गयी है कि यह हड़ताल जल्दी ही प्रदेशव्यापी कर दी जाएगी।उनका दावा है कि एसटीएफ की यह छापामारी गलत तरीके से हो रही है और पम्पमालिकों को प्रताडि़त किया जा रहा है।
अब ताजा खबर भी सुन लीजिए। सच बात तो यह है कि जनता ही चरित्रहीन है। पुलिसवाले तेल-चोरी के खिलाफ क्या गलत कर रहे हैं, या पंपवालों की मांगें क्या हैं, यह तो बाद की बात है।
असल बात तो यह है कि पम्प-मालिकों ने अकेले लखनऊ में ही अरबों-खरबों का मोटा चूना लगाया है, और यह सीनाजोरी लखनऊ ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में चल रही है। जाहिर है कि देश के बाकी राज्यों में भी यही चोरी बदस्तूर चल रही होगी, लेकिन यूपी पुलिस की एसटीएफ ने पहली बार यह खुलासा किया।
लेकिन जिसकी जेब में डाका डाला जा रहा था, उस आम आदमी के माथे पर कोई शिकन ही नहीं है। उन्हें कोई फर्क ही नहीं पड़ता है कि आज तेलपम्प बंद हैं, या कब तक बंदी चलेगी। उन्हें अगर दिक्कत है तो वे आसपास के जिलों में जाकर अपनी टंकी फुल कराने की आपाधापी में जुटे हैं। यह सोचे-बिने कि यह डाका उनके जेब में पड़ा था, इसका विरोध करना आम आदमी का दायित्व था।
शर्म की बात है कि लखनऊ की करीब 70 लाख की आबादी में से 10 लोग भी यह साहस या क्षमता नहीं जुटा पाये हैं कि वे ऐसे बंद पेट्रोल-पम्पों के सामने खड़े होकर पम्प-मालिकों के सामने सीना ठोंक कर कह पायें कि तुम चोर हो, और हम तुम्हारी निंदा-भर्त्सना करते हैं, तुम्हारे पम्प पर थूकते हैं, और कसम खाते हैं कि आइंदा तुम्हारे पम्प की ओर न रूख करेंगे, न वहां थूकने आयेंगे और न ही वहां मूत्र-विसर्जन तक नहीं करेंगे।
चलो, मान लिया कि यह नहीं कर सकते हो तुम। कोई बात नहीं। कम से कम अपनी स्कूटर, बाइक, कार या अपने दीगर वाहनों के आगे-पीछे, अगल-बगल, विंड-स्क्रीन पर यह तो लिखवा सकते कि हम चोरों से तेल नहीं खरीदते। इस तरह का स्टिकर अपने घर के सामने दरवाजे पर और गैराज के बाहरी गेट पर भी चस्पां कर सकते हो। महिलाएं भी यह कर सकती हैं कि वे आगे सामने आयें और अपनी टूटी-फूटी क्रॉकरी, चूड़ी वगैरह ऐसी चोरी के खिलाफ अपनी आवाज उठाते हुए ऐसे पेट्रोल पम्पों के सामने पटक कर तोड़ डालें। इससे तेल-चोरों पर सामाजिक दबाव पड़ता और जिम्मेदार विभागों पर चैतन्य रहने की प्रेरणा मिलती। एसटीएफ को भी बल मिलता।
और अगर यह भी नहीं कर पाने का साहस नहीं है तुममें, तो जाओ भाड़ में तुम। तुम इसी लायक हो कि तुम्हारी जेब की ऐसी की तैसी ऐसे चोर लगातार डाका डालते रहें।
कायर, का-पुरूष, और नपुंसक।
(अब www.meribitiya.com की हर खबर को फौरन हासिल कीजिए अपनी फेसबुक पर । मेरी बिटिया डॉट कॉम का फेसबुक पेज पर पधारिये और सिर्फ एक क्लिक कीजिए LIKE पर)
(अपने आसपास पसरी-पसरती दलाली, अराजकता, लूट, भ्रष्टाचार, टांग-खिंचाई और किसी प्रतिभा की हत्या की साजिशें किसी भी शख्स के हृदय-मन-मस्तिष्क को विचलित कर सकती हैं। समाज में आपके आसपास होने वाली कोई भी सुखद या घटना भी मेरी बिटिया डॉट कॉम की सुर्खिया बन सकती है। चाहे वह स्त्री सशक्तीकरण से जुड़ी हो, या फिर बच्चों अथवा वृद्धों से केंद्रित हो। हर शख्स बोलना चाहता है। लेकिन अधिकांश लोगों को पता तक नहीं होता है कि उसे अपनी प्रतिक्रिया कैसी, कहां और कितनी करनी चाहिए।
अब आप नि:श्चिंत हो जाइये। अब आपके पास है एक बेफिक्र रास्ता, नाम है प्रमुख न्यूज पोर्टल www.meribitiya.com। आइंदा आप अपनी सारी बातें हम www.meribitiya.com के साथ शेयर कीजिए न। ऐसी कोई घटना, हादसा, साजिश की भनक मिले, तो आप सीधे हमसे सम्पर्क कीजिए। आप नहीं चाहेंगे, तो हम आपकी पहचान छिपा लेंगे, आपका नाम-पता गुप्त रखेंगे। आप अपनी सारी बातें हमारे ईमेल kumarsauvir@gmail.com पर विस्तार से भेज दें। आप चाहें तो हमारे मोबाइल 9415302520 पर भी हमें कभी भी बेहिचक फोन कर सकते हैं।)