: आपको न्यूज चैनलों का स्टिकर लगी गाडि़यों की असलियत देखना जौनपुर पधारिये : पत्रकारों ने अपनी कमाई के लिए एक नये दबंग धंधे में हाथ साफ करना शुरू किया : धड़ल्ले से ढो रही हैं सवारिया कई नामी गिरामी चैनलो की गाड़ियाँ : अधिकांश पत्रकारों की गाडि़यां अब समाचार नहीं यात्री ढोती हैं :
जौनपुर : जिले मे इस समय कई टीवी चैनलों के लोगो लगी गाडि़यां सवारी ढोती आपको नजर आ जायेगी। आइये, हम आपको समाचार चैनलों के पत्रकारों की असलियत दिखाने के लिए सीधे जौनपुर ले चलते हैं, जहां देश के प्रमुख समाचार चैनलों के स्टिकर लगाकर गाडि़यां सड़क पर फर्राटा भरती दिख जाएंगी। न इनके पास गाड़ी का रजिस्ट्रेशन है, और न ही बीमा या प्रदूषण प्रमाणपत्र। टैक्सी की तरह गाड़ी का धंधा करने का कोई भी कागज उनके पास नहीं होता है। लेकिन इसके बावजूद यह गाडि़यां जिले में घूमती दिख जाएंगी। न्यूज चैनल के पत्रकार की धौंस के सामने सिर की टोपी पत्रकारों के चरणों पर रख देने को आमादा पुलिसवाले इस गोरखधंधे में अनचाहे ही लिप्त हो जाते हैं।
इन गाड़ीयो के ड्राइवर अपने आप को बड़े बड़े चैनलो के रिपोर्टरो का नाम बता कर धौंस दिखाते है। हद तो तब हो जाती है जब इन नामी गिरामी चैनलो के लोगो, टेम्पो एवं पानी तथा माल ढोने वाले छोटे हाथियो जैसी गाड़ियों पर भी दिखाई देते है। जौनपुर मे कई पत्रकार, गुणा गणित करके येन केन प्रकारेण कई बड़े बेनर के चैनल हथिया लिए है। हालाँकि बड़े चैनल स्थानीय निवास के रिपोर्टर नही रखते फिर भी जौनपुर मे कुछ लोग अपने ननिहाल तो ससुराल का पता लगा कर यहाँ रिपोर्टर बने बैठे है।
स्थानीय होने के नाते अपने चैनल को रिपोर्ट कम अपने आका को रिपोर्ट ज्यादा करते दिखाई देते है।कईयो की तो ट्रेवेल एजेन्सी खुली हुई है और कई लोग भाड़े पर सिर्फ़ प्रेस के भौकाल पर गाड़िया चलवाते है।
इस समय जौनपुर मे न्यूज नेशन की कई गाड़ियाँ धड़ले से सड़क पर सवारिया ढो रही है तो वही टाइम्स नाउ जैसे बड़े इन्गलिश चैनल के लोगो लगे माल वाहक पानी ढोते नजर आ जायेगे।जो अपने आपमे बड़े चैनल सहित जौनपुर मे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का भी स्तर गिरा रहे है। बड़े मीडिया संस्थानो को चाहिए की इस प्रकार के कृत्य करने वालो को संज्ञान मे लेकर मुफ्त मे रखे गये स्थानीय रिपोर्टरो पर नकेल कसे।