हाईकोर्ट बतायेगा कि 19 झूठे गवाहों पर केस चले या नहीं
नई दिल्ली : दिल्लीं समेत पूरे देश को दहला देने वाली चर्चित जेसिका लाल हत्याकांड के एक अहम पहलू का आज फैसला होने वाला है। बस अभी-अभी आयेगा हाईकोर्ट का फैसला। जेसिका लाल मर्डर केस में झूठे करार दिए गए फिल्म अभिनेता शायन मुंशी समेत 19 गवाहों की किस्मत का फैसला दिल्ली हाईकोर्ट करनेवाला है। हाईकोर्ट यह फैसला करेगा कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाए या नहीं। 29 अप्रैल 1999 की रात को जेसिका लाल की हत्या गोली मारकर कर दी गई थी। इस केस में दोषी मनु शर्मा तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस जीपी मित्तल की बेंच इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी। अदालत ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था और अभियोजन पक्ष से सवाल किया था कि सभी गवाहों ने सुनवाई के दौरान अपने रवैये में बदलाव कैसे किया। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने चार मई, 2011 को पुलिस और बयान से मुकरने के आरोपी गवाहों की ओर से जिरह सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इस केस में सबसे अहम गवाह अभिनेता शायन मुंशी था। शयान जेसिका की हत्या के समय उसके पास खड़ा था और पुलिस की माने तो इसने हत्यारे को काफी करीब से देखा था। लेकिन अदालत में ये अपने बयान से साफ मुकर गया था। इसका कहना था कि इसे हिंदी ही नहीं आती और इसने पुलिस को कोई बयान भी नहीं दिया था। जबकि शायन मुंशी ने कोलकाता के डॉन बास्को स्कूल से पढ़ाई की थी और वहां के रिकॉर्ड के मुताबिक इसने आठवीं कक्षा तक हिंदी भाषा पढ़ी है।
शायन मुंशी के अलावा मुकरने वाले गवाहों में अंदलीब सहगल और एफएसएल एक्सपर्ट रूप सिंह और प्रेम सागर प्रमुख हैं। वकील आर.डी. राणा की मानें तो ये बात साबित हो गई कि इन्होंने अदालत में झूठ बोला था तो ये जेल की सलाखों के पीछे पहुंच सकते हैं।
जेसिका लाल की अप्रैल 1999 में हरियाणा कांग्रेस के नेता विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। क्योंकि काफी कहने के बाद भी उसने शराब परोसने से मना कर दिया था। अप्रैल 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा के दोष और उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा और उसे जेल भेज दिया।