जंगल में एक पिद्दी गिलहरी ने बब्‍बर शेर की मूंछें उखाड़ीं, अब गुर्रा रही है

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: अपर मुख्‍य सचिव संजीव शरण के घर घुस कर गरियाया है अपर प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक एके जैन ने : सरकारी चिट्ठी लिख कर सरेआम आरोप लगाया कि तुम बेमिसाल बेइमान हो : अब तक सकते में है सरकार और ब्‍यूरोक्रेसी : विभाग में भ्रष्‍टाचार के लिए भ्रष्‍टाचारी अफसरों को शह देने का खुला आरोप :

कुमार सौवीर

लखनऊ : एक गिलहरी ने शेर की मांद में बम विस्‍फोट कर दिया। सरकार का रूतबा जमीन्‍दोज हो चुका है। आईएएस अफसरों की बाबूगिरी मिट्टी मिल गयी। शासन की सत्‍ता और सरकार की धमक दो-कौड़ी की साबित हो गयी। तीन दिन हो चुके हैं, आगरा क्षेत्र के अपर प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक एके जैन ने अपने ही महकमे के मुखिया और यूपी के अपर मुख्‍य सचिव संजीव शरण पर बेशुमार दौलत उगाह कर विदेशों में चुपचाप निवेश करने का आरोप लगा दिया है। आरोप है कि संजीव शरण ने उगाही के लिए भ्रष्‍टाचार के नये आयाम बनाये हैं।

वन विभाग से जुड़ी खबरों को देखने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:-

बड़ा वन दारोगा

इस मामले को जरा सिलसिलेवार समझने की कोशिश करना चाहते हों आप, तो हम आपके सामने इस‍ विवाद से जुड़े कुछ पत्र दिखाना चाहते हैं।

दरअसल एके जैन अपने वन विभाग अधिकारी संवर्ग में बेहद वरिष्‍ठ माने जाते हैं और फिलहाल वे अपर प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक पद पर आगरा में पोस्‍टेड हैं। सूत्र बताते हैं कि एके जैन की बेटी की मृत्‍यु के बाद उन्‍होंने खुद ही आगरा की पोस्टिंग मांगी थी, ताकि वे अपनी पत्‍नी का मनोमस्तिष्‍क बीमारी का इलाज सुगमता से करा सकें। बेटी की मृत्‍यु के बाद से जैन का परिवार बिलकुल बेहाल और अव्‍यवस्थित हो चुका था।

अगर आप यूपी के आईएएस अफसरों से जुडी खबरों को देखना चाहते हैं तो कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:-

बड़ा बाबू

इवी बीच यूपी के वन विभाग के अपर मुख्‍य सचिव संजीव शरण से जैन की ठन गयी। गर्मागर्मी लम्‍बी चली, लेकिन अचानक संजीव शरण ने एके जैन को एक कड़ी प्रतिकूल प्रविष्टि दे डाली। इसके बाद से ही जैन की अपने विभाग में बाकी पदोन्‍नति का रास्‍ता हमेशा-हमेशा के लिए खत्‍म हो जाता।

विश्‍वस्‍त सूत्र बताते हैं कि जैन ने अपनी इस प्रतिकूल प्रविष्टि के विरूद्ध संजीव शरण से अपील कर दी। लेकिन अचानक ही एके जैन का अंदाज बेहद आक्रामक हो गया। उन्‍होंने तीन पन्‍ने का एक अर्द्ध-सरकारी पत्र संजीव शरण को भेज दिया, जिसमें एके जैन ने संजीव शरण पर कई गम्‍भीर आर्थिक, प्रशासनिक और शासकीय बेईमानी करने का आरोप लगा दिया। इन आरोपों को देखने के लिए आप नीचे तीन पन्‍नों में छपे उस पत्र को देख सकते हैं, जो जैन ने संजीव शरण को भेजा था।

जंगल में कई बार बवाल हो चुके हैं। उन खबरों के लिए निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:-

जंगल में मंगल

कुछ भी हो, इस मामले में न तो वन विभाग के सचिवालय ने कोई प्रतिक्रिया जाहिर की है, और न ही मुख्‍यमंत्री कार्यालय ने कोई कार्रवाई की है। मगर सूत्र बताते हैं कि अब जल्‍दी ही जैन के पंख कतरे जा चुके हैं। हालांकि इस बारे में अपने पत्र में जैन ने यह आशंका खुद ही जाहिर कर रखी है। लेकिन आशंका इसी बात की है कि जल्‍द ही कोई न कोई ठोस कार्रवाई होगी जरूर। कहने की जरूरत नहीं कि यह कार्रवाई एके जैन पर ही होगी, जो कि आश्‍चर्यजनक तरीके से अब तक नहीं हुई है।

कुछ भी हो, इतना तो तय ही है कि पूरा जंगल महकमा में चर्चाएं जबर्दस्‍त चल रही हैं कि एक टिटहरी ने जंगल के राजा की मूंछें उखाड़ डालीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *