यूपी में औपचारिकता, लेकिन केरल से भड़की चिंगारी

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

दुर्गा नागपाल के निलंबन पर उमेश चौहान ने लिखीं चंद लाइनें

उमेश कुमार सिंह चौहान

नोएडा एस डी एम श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल के मसले पर उत्तर प्रदेश सरकार का रुख देखकर केरल कैडर के वरिष्‍ठ आईएएस उमेश कुमार सिंह चौहान को चौदह साल पहले लिखी गई अपनी एक कविता याद आ गयी थी। कविता का नाम है : “बौनों के देश में। खासबात यह भी है कि उमेश सिंह कुछ बरसों तक यूपी के सूचना निदेशक समेत कई महत्‍वपूर्ण पदों पर तैनात रह चुके हैं। मूलत: यूपी के रहने वाले और लखनऊ में ही पढ़े-लिखे उमेश ने इस कविता में अपनी संवेदनशीलता का गहरा प्रदर्शन किया है। आप भी देखिये ना।

बौने कद के लोगों में

एक अकेला था वह

लंबा सा इनसान

दूर देश से आया था।

हुए इकट्ठे सारे बौने

और तय किया

काटो इसके पैर

कि छोटा हो बेचारा

गए पास राजा के बोले

इसके पैर बहुत लंबे हैं

चाल बहुत ही तेज

कि छीने राज्य तुम्हारा।

राजा बोला बहुत सही है

बड़े पते की बात कही है

मैं हूँ राजा इन बौनों का

पैर काटकर इस लंबे के बौना कर दो

और नहीं तो इसे देश से बाहर कर दो।

फिर क्या था

आरियाँ निकालीं

पकड़ीं टाँगें परदेसी की

परदेसी भी बड़ा गजब का

झटक रहा था, पटक रहा था

सहज नहीं था पैर काटना

आरी में भी धार नहीं थी।

कट न सके जब पैर तो सोचा

देश निकालो

घेरो इसको सभी तरफ से

लेकिन कुछ ऐसी भी विधि थी

घेर न पाए।

लिये खरोंचें पूरे तन पर

वह लंबा इनसान

न्याय की प्रत्याशा में

यहाँ-वहाँ तक रहा दौड़ता

लंबे छल के उन बौनों से

बच जाए बस इस आशा में

शहर-बदर की अभिलाषा में।”

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