पैतृक संपत्ति में भी होगा पत्नी का हिस्सा

बिटिया खबर

विवाह कानून संशोधन बिल पर सिफारिशें कैबिनेट में मंजूर

नई दिल्ली : विवाह कानूनों को महिलाओं के और अधिक अनुकूल बनाया जाएगा। सरकार ने इस पर मंत्रिसमूह (जीओएम) की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। इसमें तलाक होने पर पति की पैतृक संपत्ति में से महिला को पर्याप्त मुआवजे का प्रावधान शामिल है।

कैबिनेट ने विवाह कानून (संशोधन) विधेयक पर मंत्रिसमूह की सिफारिशों को बुधवार को मंजूरी दी। मंत्रिसमूह को जिन प्रमुख मुद्दों पर फैसला करने को कहा गया था उनमें यह भी शामिल था कि क्या कोई अदालत विवाह संबंधों के बचने की कोई गुंजाइश नहीं होने पर तलाक के मामले में पति की पैतृक संपत्ति में से किसी महिला के लिए पर्याप्त मुआवजा तय कर सकती है।

विवाह कानून (संशोधन) विधेयक पर फैसला करने के लिए हाल ही में गठित मंत्रिसमूह को इस पर भी विचार करने के लिए कहा गया था कि अगर आपसी सहमति के साथ तलाक के लिए पति या पत्नी में से कोई एक पक्ष दोबारा संयुक्त आवेदन दायर नहीं करता है तो क्या कोई जज तलाक देने में अपने विवेकाधिकार का उपयोग कर सकता है।

विधेयक में पति की खुद से हासिल की गई संपत्ति में पत्नी की हिस्सेदारी का प्रावधान है। रक्षामंत्री ए. के. एंटनी की अध्यक्षता में बने मंत्रिसमूह ने इसके एक उपबंध 13 एफ पर चर्चा की। यह कहता है कि अगर पैतृक संपत्ति का बंटवारा नहीं किया जा सकता है तो पति की हिस्सेदारी की गणना कर उसमें से महिला को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए। मुआवजे की रकम तलाक मामले की सुनवाई कर रही कोर्ट तय कर सकती है।

मंत्रिसमूह ने परस्पर सहमति से संयुक्त याचिका के मार्फत तलाक चाहने वाले जोड़ों के लिए छह महीने का जरूरी वेटिंग पीरियड खत्म करने का फैसला करने का अधिकार कोर्ट को सौंपने के मुद्दे पर भी विचार किया।

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