गैर-मान्यता वाले स्कूल संचालकों की खाल बचाने का ठेका लिया पत्रकारों ने

मेरा कोना

: तुम मुझे नोटों की गड्डी दो, मैं तुम्‍हारे स्‍कूल पर आंच न आने दूंगा : बस्‍ती में सैकड़ों स्‍कूलों पर प्रशासन ने डंडा चलाया तो रसूखदारों से मिल कर चांदी काटने लगे पत्रकार लोग : कोचिंग के नाम पर चल रहे प्राइवेट विद्यालय :

मेरी बिटिया डॉट कॉम संवाददाता

बस्ती : क्षेत्र में कई सैकडो की संख्या में विना मान्यता के प्राइवेट विद्यालय धडल्ले से चल रहे है। सरकार के आदेशो की धज्ज्यिा उडा रहे है। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी आंखे मूंदे हुए है। बावजूद इसके आये दिन नये विद्यालयो का खुलना जारी है। वही सरकारी विद्यालयो में बच्चो संख्या न के बराबर है। शासन प्रशासन द्वारा औपचारिकता में नोटिस भेज दी गई लेकिन कार्यवाई के नाम पर कुछ नही हो रहा है। कस्बे में कोचिंग के रजिस्ट्रेशन पर प्राइवेट विद्यालय संचालित हो रहे है।

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शिक्षा के नाम पर रैली से लेकर तमाम तरह के प्रचार प्रसार के बावजूद सरकारी विद्यालयो में बच्चो की संख्या नही दिखाई पड रही है। वहीं प्राइवेट विद्यालयो बिना मान्यता के धडल्ले से चल रहे है। अधिकारी विना मान्यता के विद्यालयो पर कोई कार्यवाई नही कर रहा है। आये दिन नये विद्यालय भी खोले जा रहे है। सरकार के शख्त आदेश के बाद भी विना मान्यता के विद्यालयो पर कोई अंकुश नही लगा सका। औपचारिकता के नाम पर नोटिस दे दिया गया है। कस्बे कई में दर्जनो विद्यालय कोचिंग के रजिस्ट्रेशन पर चलाये जा रहे है। शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते बस्ती जनपद क्षेत्र में विना मान्यता के सैकडो की संख्या में प्राइवेट विद्यालय चल रहे है। प्राइवेट विद्यालय संचालक अब सरकार को खुली चुनौती दे रहे है लेकिन सरकार इस तरफ कोई ध्यान नही दे रही है। कस्बे कई बार प्राइवेट विद्यालय संचालको की बैठक कर शिक्षा विभाग को चुनौती दे रहे है। कापी, किताब से लेकर ड्रेस तक में अभिभावको की जेबो पर डाका डाल रहे है।

सबसे बडी बात तो यह है कि बच्चो लाने और ले जाने वाले वाहन भी इन्ही के होते है, और मानक विहिन तरीके से बच्चो को ठूस ठूस कर बैठाते है और उसमें बच्चो को ठूसकर भरा जाता है। जिला मुख्यालय व हर्रैया थाने के सामने से सैकडो विद्यालय वाहन मानको धज्जिया उडाते हुए गुजरते है लेकिन पुलिस आखे बंद कर देखती रहती है। वही आप को बताते चले कुछ बिना मान्यता के स्कूल के संचालक तो बडे पत्रकारो ,सत्ता के करीबीयो पर निर्भर हो कर चला रहे स्कूल तुम मुझे मोटी रकम दो मै स्कूल पर आंच नही आने दूगा कही न कही ये अभिभावक के जेब पर मिल जुलकर डाल रहे डाका और बच्चो के भविष्य के साथ कर रहे खिलवाड़।

( यह खबर बस्‍ती के एक पत्रकार भेजी है। )

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