गर्भवती की जान को खतरा होने पर ही अबार्शन जायज
हेल्पलाइन भी शुरू कर दी शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने
निकाह के वक्तल ही अदा करें मेहर की रकम
ससुरालवाले ना माने तो सामाजिक बहिष्कार की धमकी
ऐसे लोगों से रोटी-बेटी का रिश्ता ही खत्म कर देना चाहिए
बेटियों को बचाने के लिए आल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड खुल कर सामने आ गया है। लखनऊ में हुई अपनी एक बैठक में बोर्ड ने केवल बेटियों के ही हक की नहीं, बल्कि मां के पेट में पल रहे कन्या भ्रूण के संरक्षण को लेकर कमर कस ली। बोर्ड ने ऐलान कर दिया कि कन्या भ्रूण की हत्या हराम की श्रेणी में आती है और इसे किसी भी कीमत पर शिया समुदाय बर्दाश्त नहीं करेगा। बोर्ड ने कहा कि केवल एक ही वजह से इसे स्वीकार किया जा सकता है जब गर्भवती की जान को खतरा हो और उसकी जान बचाने के लिए गर्भपात जरूरी हो जाए।
बोर्ड की बैठक में पारित प्रस्तावों में कहा गया कि अगर गर्भवती के ससुराल वाले उसके गर्भ का लिंग परीक्षण कराना चाहें या उस पर गर्भपात के लिए जोर डालें तो उस महिला को फौरन बोर्ड की हेल्पंलाइन पर इसकी खबर करनी चाहिए। बाकी का काम बोर्ड खुद करेगा। कानूनी कार्रवाई के साथ ही ऐसे परिवारों के साथ रोटीबेटी का रिश्ता खत्मर किया जाएगा और उसके सुखदुख से समुदाय कोई भी सरोकार नहीं रखेगा।
बोर्ड के अध्य क्ष मिर्जा मोहम्मनद अतहर ने शिया समुदाय से अपील की कि वे मेहर की रकम शादी के वक्त ही अदा करें। यह सुन्नम ए रसूल है। बोर्ड ने महंगी शादियों पर भी ऐतराज जताया और कम खर्च पर ऐसे आयोजन करने की अपील की।